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बाबूलाल का आरोप, अबुआ समाज की उपेक्षा कर रही है झारखंड सरकार

  • अबुआ समाज के प्रति संवेदनहीन है राज्य सरकार : बाबूलाल मरांडी
  • अबुआ समाज की उपेक्षा कर रही है झारखंड सरकार
  • स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाए सवाल
  • राजनीति और सत्ता से इतर भी कुछ जिम्मेदारियां होती हैं

Ranchi :   नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की हेमंत सरकार पर अबुआ समाज की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य की मौजूदा व्यवस्था राज्य गठन के मूल उद्देश्य को ही कमजोर कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के नेतृत्व में आज देश ने इतनी प्रगति कर ली है कि एक संथाल आदिवासी महिला भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हैं. लेकिन झारखंड की वर्तमान सरकार अबुआ समाज के प्रति जो उपेक्षा और संवेदनहीनता दिखा रही है, वह हर दिन राज्य की स्थापना के मूल उद्देश्य पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देती है.

 

 

मरीजों को खाट पर लादकर अस्पताल पहुंचाने वाली तस्वीर स्वास्थ्य व्यवस्था को दिखाती है आईना

बाबूलाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आगे लिखा कि भ्रष्टाचार, घोटाले और प्रशासनिक अनदेखी, ये सब तो हमने बिहार का हिस्सा रहते हुए भी झेला था, लेकिन आज हेमंत सरकार में भी वही सब दोहराया जा रहा है. लिखा कि हर रोज ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं, जिनमें मरीजों को खाट पर लादकर अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है. ये दृश्य किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को भीतर तक झकझोर देते हैं. झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को आईना दिखाती यह तस्वीर अमड़ापाड़ा प्रखंड की डूमरचीर पंचायत के बड़ा बास्को पहाड़ की है, जहां एक मरीज को खाट पर लादकर लाया गया, क्योंकि वहां सड़क और एम्बुलेंस की कोई सुविधा नहीं थी.

 

राजनीति और सत्ता से इतर भी कुछ जिम्मेदारियां होती हैं

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार और प्रशासन से अपील की कि वे राजनीति और सत्ता की सीमाओं से बाहर निकलकर कुछ समय के लिए उन जिम्मेदारियों और मानवीय संवेदनाओं को प्राथमिकता दें. ऐसा करने से शायद इन विकट परिस्थितियों में जीवन जी रहे लोगों की पीड़ा और आपकी वास्तविक जिम्मेदारियां आपको समझ में आने लगे. 

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