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पोलैंड की बारबरा और शादाब की कहानी : दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके…

  • बैंड-बाजा और बारात के लिए बढ़ी बेकरारी, अब शादी की तैयारी
  • पोलैंड की बारबरा जल्द बनेगी हिन्दुस्तानी दुल्हनिया
  • कटकमसांडी के शादाब ने कोलकाता एंबेसी में दिया आवेदन
  • दो वर्ष पहले सोशल मीडिया से परवान चढ़ी दोनों की दोस्ती
Gaurav Prakash Hazaribagh : दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके, सबको है खबर, मगर चुपके-चुपके… दरअसल दो अलग धर्म और मजहब ही नहीं, बल्कि दो कौम के प्रेमीयुगल का इश्क पूरी तरह परवान चढ़ चुका है और एक-दूजे का दामन थामने को शादाब और बारबरा बेकरार हैं. अब बैंड, बाजा और बारात की तैयारी की जा रही है. जल्द ही पोलैंड की बारबरा हिन्दुस्तानी दुल्हनिया बनेंगी. इस बात की चर्चा कटकमसांडी के खुटरा गांव में हर लोगों की जुबां पर है. दरअसल दो साल पहले सोशल मीडिया पर कटकमसांडी के खुटरा निवासी शादाब और पोलैंड की महिला बारबरा की दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. बारबरा की छह साल की एक बेटी भी है. हजारीबाग के खुटरा गांव के शादाब और पोलैंड की महिला पोलॉक बारबरा एक-दूजे का दामन थामने को बेताब हैं. बारबरा चाहती है कि शादी कर शादाब उसके साथ पोलैंड चला जाए. इसके लिए शादाब ने कोलकाता एंबेसी में आवेदन भी दिया है, ताकि जल्द से जल्द वीजा मिल जाए. इस बात की जानकारी ‘शुभम संदेश’ की टीम को शादाब ने अपने आवास पर दी. उन्होंने यह भी कहा कि इसके पहले भी एक बार आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन एंबेसी में समय नहीं मिलने के कारण आवेदन कैंसिल हो गया. फिर से आवेदन दिया गया है. यह उम्मीद जताई जा रही है कि कोलकाता एंबेसी से उसे वीजा भी मिल जाएगा. हजारीबाग">https://lagatar.in/category/jharkhand/north-chotanagpur-division/hazaribagh/">हजारीबाग

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मिलने के बाद बदल गई शादाब की जिंदगी

शादाब ने बताया कि पोलॉक बारबरा समझदार और स्वच्छ मन की महिला है और उसकी छह साल की बेटी भी है. बारबरा का तलाक हो चुका है और वह पोलैंड में अकेले रहती है. वहां वह नौकरी भी करती है. वह चाहती है कि बहुत जल्द शादाब उसके साथ पोलैंड चले. उसका यह भी कहना है कि उस महिला का उसके जीवन में आने के बाद परिवर्तन भी आया है. जीवन जीने की शैली, पोशाक पहनने का सलीका, बात करने का लहजा हर चीज में बदलाव आया है.

दूसरी बार भारत और पहली बार आयी हजारीबाग

बारबरा शादाब से मिलने दूसरी बार भारत पहुंची है. पहली बार उसने उसे दिल्ली में ही उसे कई जगह घुमाया और उसने यह भी कहा कि भारत बेहद सुंदर जगह है. इस देश की संस्कृति बहुत समृद्ध है. दूसरी बार वह दिल्ली आने के बाद हजारीबाग पहुंची है. हजारीबाग पहुंचने के बाद पूरे गांव में कौतूहल का विषय बना हुआ है कि आखिर कैसे विदेश की एक महिला हजारीबाग के छोटे से कस्बे में रह रही है. बारबरा के पास पूरे पांच साल का वीजा है और पूरे नियम के साथ वह हजारीबाग में रह रही है.

लॉकडाउन में बारबरा की मदद ने लाया करीब, बेटी कहती है पापा

शादाब बताता है कि उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और मुंबई में काम करता था. लॉक डाउन होने के बाद नौकरी चली गई और उस वक्त से लेकर आज तक बारबरा उसे मदद करती रही है. बचपन में माता-पिता के निधन के बाद भी वह अपने मामा के पास मुंबई चला गया और वहीं पढ़ाई-लिखाई की. 2021 में इंस्टाग्राम के जरिए दोनों की दोस्ती हुई और फिर यह दोस्ती धीरे-धीरे बढ़ते चली गई. शादाब बताता है कि वह बहुत संतुष्ट है. बारबरा से बात करना, काम में हाथ बंटाना बहुत अच्छा लगता है. यही नहीं उसकी छह साल की बेटी उसे पापा कहती है. दिन भर वह उसके साथ खेला भी करता है.

गांव में उत्सुकता, तो अलग धर्मों को लेकर विरोध भी

खुटरा के युवक इस बात को लेकर काफी उत्सुक हैं कि कैसे कोई सोशल मीडिया से दोस्ती कर आज दोनों शादी करने को तैयार हैं. उनके गांव के लोग इस बात को लेकर खफा भी हैं कि जो कुछ हो रहा है, वह ठीक नहीं है. मुस्लिम धर्म में बारबरा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. यही कारण है कि गांव के बुजुर्ग लोगों ने उसके परिवार से दूरी भी बना ली है. उनका यह भी कहना है कि वह उसकी मर्जी है, जो वह करे. शादाब के एक नजदीकी ने बताया कि शादाब यह चाहता है कि बारबरा मुस्लिम धर्म अपना ले, लेकिन बारबरा ने इसे लेकर मना कर दी है. अब दोनों अपने-अपने धर्म के साथ एक-दूसरे को अपनाने के लिए तैयार हैं. इसे भी पढ़ें : पलामू">https://lagatar.in/palamu-the-coordinator-of-the-school-ate-poison-the-condition-is-critical-the-head-was-accused-of-harassment/">पलामू

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