20 मार्च 1927 को बाबा साहेब अंबेडकर ने महाड़ सत्याग्रह के ज़रिए जातिगत भेदभाव को सीधी चुनौती दी थी। यह केवल पानी के अधिकार की नहीं, बल्कि बराबरी और सम्मान की लड़ाई थी।
नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi">https://twitter.com/RahulGandhi?ref_src=twsrc%5Etfw">@RahulGandhi
ने इस विषय पर जाने-माने शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, दलित विषयों के जानकार और… pic.twitter.com/uZpcia9LVd">https://t.co/uZpcia9LVd">pic.twitter.com/uZpcia9LVd
— Congress (@INCIndia) March">https://twitter.com/INCIndia/status/1902726116626120747?ref_src=twsrc%5Etfw">March
20, 2025
98 साल पहले शुरू हुई हिस्सेदारी की लड़ाई जारी है।
20 मार्च 1927 को बाबासाहेब अंबेडकर ने महाड़ सत्याग्रह के ज़रिए जातिगत भेदभाव को सीधी चुनौती दी थी। यह केवल पानी के अधिकार की नहीं, बल्कि बराबरी और सम्मान की लड़ाई थी। जाने-माने शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, दलित विषयों के जानकार और… pic.twitter.com/nTPznvxS9c">https://t.co/nTPznvxS9c">pic.twitter.com/nTPznvxS9c
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20, 2025
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