एसीबी आय से अधिक संपत्ति की कर रही जांच, मैनहर्ट पर भी खुलेगी फाइल
Ranchi: झारखंड के पूर्व मुख्यंमत्री रघुवर दास समेत उनके शासनकाल के 5 पूर्व मंत्रियों की संपत्ति के मामले में एसीबी ने जांच शुरू कर दी है. एसीबी ने प्रिलिमिनरी इंक्वायरी (पीई ) दर्ज कर मामले की जांच आगे बढ़ा रही है. मैनहर्ट घोटाले में भी एसीबी को पूर्व सीएम के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल सकती है. निगरानी सचिव ने एसीबी द्वारा मांगी गई अभियोजन स्वीकृति की फाइल अपने पास मंगा ली है. तीन माह पहले एसीबी ने निगरानी व विधि विभाग से पूर्व सीएम रघुवर दास पर लगे आरोपों पर मंतव्य मांगा था. एक तरफ रघुवर दास पर कार्रवाई की तैयारी है, तो दूसरी तरफ भाजपा के पूर्व 5 मंत्रियों के खिलाफ एसीबी मुख्यालय स्तर से एक टीम का गठन कर लिया गया है. एसीबी ने मामला दर्ज किया है. इन 5 पूर्व मंत्रियों में रणधीर सिंह, अमर कुमार बाऊरी, नीलकंठ सिंह मुंडा, नीरा यादव और लुईस मरांडी शामिल हैं, जिनके खिलाफ एसीबी जांच कर रही है. एसीबी ने यह कार्रवाई राज्य सरकार के निर्देश पर की है. एसीबी जल्द ही पूर्व मंत्रियों की संपत्ति के संबंध में साक्ष्य एकत्रित करने के लिए उन्हें नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी में हैं. 5 पूर्व मंत्रियों की आय पर भी उठे सवाल
झारखंड हाइकोर्ट में वर्ष 2020 में पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य एवं राज्य सरकार के पूर्व मंत्रियों को लेकर आय से अधिक संपत्ति मामले में जनहित याचिका दायर की गई थी. इसमें इन पूर्व मंत्रियों की संपत्ति 200 से 1100 प्रतिशत तक बढ़ने के आरोप लगाए गए थे. इस पर राज्य सरकार ने एसीबी से जांच कराने का आदेश दिया था. मैनहर्ट की नियुक्ति पर सवाल होगी जांच उधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अक्टूबर 2020 में रांची शहर में सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने वाली परामर्शी कंपनी मैनहर्ट की नियुक्ति में पूर्व नगर विकास मंत्री रघुवर दास पर अनियमितता और भ्रष्टाचार के विरुद्ध एसीबी को पीई दर्ज करने का आदेश दिया था. अब इस पर कार्रवाई शुरू हो रही है. जमशेदपुर के विधायक सरयू राय के परिवाद और हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीएम ने एसीबी को जांच कराने का आदेश दिया था. बाबूलाल मरांडी पर भी केस
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ भी दो दिनों में चार थानों में एफआईआर दर्ज हुई है. उन पर सीएम हेमंत सोरेन परिवार की छवि खराब करने का आरोप लगाया गया है. इस तरह के लगातार हमलों से अब भाजपा सतर्क हो रही है, क्योंकि उसके नेताओं से जुड़े मामलों पर भी कार्रवाई तेज हो गई है. [wpse_comments_template]
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