Dhanbad : दुराचार के मामले में पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने पारा शिक्षक बादल राय को बीस वर्ष कैद एवं पांच हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया है. पांच अगस्त 22 को अदालत ने बादल को दोषी करार दिया था. आरोपी शिक्षक प्राथमिक विद्यालय कुसुमदाहा में पारा शिक्षक के रूप में पदस्थापित था. आरोपी ने अपने ही विद्यालय की 9 वर्षीय बालिका के साथ दुराचार किया था.
आरोपी के खिलाफ पीड़िता की मां द्वारा निरसा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. आरोप में कहा गया था कि 1 एवं 2 अक्टूबर 2018 को उसकी बच्ची रो रही थी. पूछने पर पीड़िता द्वारा बताया गया कि बादल मास्टर झाड़ू लगाने के बहाने उसे अपने कक्ष में ले गया, जहां उसके साथ दुराचार किया गया. शिक्षक ने पीड़िता को मुंह न खोलने की धमकी दी. बाद में बादल मास्टर के माफी मांगने के बाद उन लोगों ने उसे माफ कर दिया था. बादल मास्टर का स्थानांतरण पवैया स्कूल हो गया. 17 नवंबर 2018 को वादिनी जब स्कूल में खाना बना रही थी, उसी समय बादल राय, दीपाली राय, ज्योत्सना राय समेत 10 12 अज्ञात लोग आए तथा गाली-गलौज एवं मारपीट की. अदालत ने अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया. जबकि बादल राय को दोषी करार दिया था. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 17 जनवरी 2019 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. अदालत में 17 जुलाई 2019 को आरोप का गठन किया गया था. अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 6 गवाहों की गवाही कराई गई थी.
नाबालिग से दुराचार में दोषी करार, सजा 8 अगस्त को
15 वर्षीय नाबालिग के साथ दुराचार के आरोपी टुंडी बंदरचूआ निवासी अमित बास्की को अदालत ने दोषी करार दिया है. धनबाद पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 8 अगस्त की तारीख निर्धारित की है. पीड़िता के शिकायत पर दर्ज की गई प्राथमिकी के मुताबिक 10 जुलाई 19 को शाम आठ बजे वह गांव में श्राद्ध कर्म में शामिल होने गई थी. जब पीड़िता घर जाने के लिए निकली, तो अमित बास्की ने उसे घर छोड़ने की बात कह कर अपने मोटरसाइकिल पर बैठा लिया. अपने घर ले जाकर चार-पांच दिन रखा. जहां चाकू से जान मारने का भय दिखाकर उसके साथ दुराचार करता रहा. 15 जुलाई 19 को आरोपी ने उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर गोविंदपुर जीटी रोड पर छोड़ दिया. पीड़िता ने वहां एक व्यक्ति से मदद लेकर अपने घर में फोन किया. तब पीड़िता के पिता और चाचा आए और उसे घर ले गए. पुलिस ने के बाद 18 नवंबर 19 को इस मामले में आरोप पत्र दायर किया था.
अरूप की बढ़ी मुश्किल, मुखिया का हुआ बयान
चिटफंड कंपनी के नाम पर घोटाला करने के आरोप में जेल में बंद न्यूज 11 के निदेशक अरूप चटर्जी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है. 6 अगस्त को बलियापुर पुलिस ने अरूप चटर्जी पर कानूनी शिकंजा कसने के उद्देश्य से कांड के वादी मुखिया संजय कुमार का धारा 164 के तहत बयान कराने का आवेदन प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूजा पांडे की अदालत में दिया. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह के निर्देश पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धांत तिग्गा की अदालत ने संजय का 164 के बयान दर्ज किया. अपने बयान में संजय ने प्राथमिकी का पूर्ण रुप से समर्थन किया और कहा कि विभिन्न स्कीमों का लालच देकर उनसे 7 लाख रुपया लिया और पैसा गबन कर लिया गया.
मैनेजर राय और अरूप की पत्नी को नहीं मिली राहत
कोयला कारोबारी राकेश ओझा से रंगदारी के मामले में 19 जुलाई से जेल में बंद कोयला कारोबारी मैनेजर राय, अरूप चटर्जी की पत्नी बेबी चटर्जी, अरूप की सहयोगी आर. रचना, राकेश कुमार सिन्हा, न्यूज 11 के रिपोर्टर अरुण वर्णवाल को अदालत से राहत नहीं मिली. वरीय अधिवक्ता शाहनवाज की दलील सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार मिश्रा की अदालत ने कांड दैनिकी तलब की है. अदालत ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख निर्धारित की है. पुलिस ने न्यूज 11 के रिपोर्टर अरुण वर्णवाल, रचना, राकेश सहित पांच रिपोर्टरों को धारा 41 के तहत नोटिस थमाया था और जवाब देने हेतु थाना बुलाया था. नोटिस मिलने के बाद अरूप की पत्नी समेत अन्य ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई है. जबकि मैनेजर राय ने नियमित जमानत की अर्जी लगाई थी. मैनैजर राय की जमानत अर्जी 21 जुलाई को अवर न्यायाधीश राजीव त्रिपाठी की अदालत ने खारिज कर दी थी.
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