Washington : मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाये जाने का रास्ता साफ हो गया है. खबर है कि अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. वर्तमान में पाकिस्तानी मूल का 64 साल का कनाडाई नागरिक राणा लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है.
इससे पूर्व तहव्वुर राणा ने 27 फरवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट जस्टिस और नौवें सर्किट की सर्किट जस्टिस एलेना कागन के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक लगाने के लिए आपातकालीन आवेदन दायर किया था.
लेकिन पिछले माह कागन ने आवेदन रद्द कर दिया था. लेकिन राणा ने फिर अपने आवेदन को नये सिरे से दायर करते हुए इसे प्रधान न्यायाधीश रॉबर्ट्स को भेजे जाने की अनुरोध किया. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पोस्ट कर एक आदेश में कहा गया कि राणा के नवीनीकृत आवेदन को चार अप्रैल 2025 की बैठक के लिए सूचीबद्ध किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सोमवार को एक नोटिस जारी कर कहा गया कि अदालत ने आवेदन स्वीकार नहीं किया है. जान लें कि मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में ह्यूमन राइट्स वॉच 2023 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि भारत की मौजूदा भाजपा सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों विशेष रूप से मुस्लिमों के साथ भेदभाव करती है. वह तानाशाह है.
मुझे भारत को सौंपा गया तो पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम होने के कारण मुझे वहां प्रताड़ित किया जाएगा. बता दें कि पिछले माह डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है.
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