...तो रांची में गांधी की शहादत दिवस का आयोजन भी नहीं होगा!...
Srinivas रांची प्रशासन को होश नहीं रहा ! देश भर में महात्मा गांधी के शहादत दिवस (तीस जनवरी) पर आयोजन की तैयारी हो रही है. रांची में भी. इस बार यह आयोजन इसलिए भी खास हो गया है, क्योंकि गांधी से नफ़रत करने वाली ताकतें गांधी की हत्या को जायज ठहराने की मुहिम चला रही हैं. गांधी के हत्यारे गोडसे को महिमा मंडित करने का अभियान चल रहा है. ऐसे में आज 29 जनवरी के अखबारों में छपी खबर से पता चला कि स्थानीय मोरहाबादी मैदान में, जहां बापू की विशाल प्रतिमा है, धारा 144 लगा दी गयी है. वहां किसी तरह के कार्यक्रम करने पर रोक लग गयी है. बेशक प्रशासन ने यह एहतियाती कदम कुछ दिन पहले उस क्षेत्र में हुई गोलीबारी और एक कथित गैंगस्टर की हत्या के कारण उठाया है. फैसले का यही कारण बताया भी गया है. फिर भी यह निर्णय करते हुए संबद्ध अफसरों को यह ध्यान नहीं रहा कि उसी मैदान में स्थित `बापू वाटिका` में गांधी की प्रतिमा लगी है, कि वहां महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री ही नहीं, गांधी को अपना आदर्श मानने वाले (और उनके प्रत श्रद्धा का दिखावा करने वाले भी) दो अक्टूबर और तीस जनवरी को बड़ी संख्या में जुटते हैं. 26 जनवरी और 15 अगस्त को भी वहां गांधी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करने, प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वालों की भीड़ जुटती है. अब तो यह राज्य या केंद्र सरकार के किसी निर्णय से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का स्थान भी बन गया है. ऐसे में मोरहाबादी मैदान में धारा 144 लगाने की घोषणा करने के साथ आम आदमी को यह तो बताया जा सकता था कि तीस जनवरी के आयोजन हो सकेंगे. या कि सचमुच तय कर लिया गया है कि गांधी के शहादत दिवस पर भी कोई कार्यक्रम नहीं होने दिया जायेगा! हां, तो यह सवाल सहज ही जेहन में आता है कि क्या झारखंड में सचमुच गांधी को मानने वालों की ही सरकार है? है, तो क्या मुख्यमंत्री, इस सरकार में शामिल कांग्रेस और उसके मंत्रियों को एहसास है कि जिला प्रशासन के इस निर्णय से उनकी कैसी छवि बन रही है, बन सकती है? अब भी समय है साहबान. अपने फैसले में सुधार और संशोधन करें. अन्यथा आप इतिहास में दर्ज हो जायेंगे; मगर अफसोस कि गलत कारणों से. [wpse_comments_template]

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