Ranchi : राज्य में अनाजों के फसल क्षेत्र में अप्रत्याशित कमी आई है. इसमें 36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. सिर्फ मसाला फसलों के फसल क्षेत्र में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं सिंचाई के साधनों नहर बांध, कुआं, नलकूप और अन्य स्रोतों (नदी, नाला, आहर, डोभा, पानी के प्राकृतिक स्रोतों) से सिंचाई में भी कमी आई है. इसका खुलासा सांख्यिकी निदेशालय की रिर्पोट में हुआ है. रिर्पोट के मुताबिक, वर्तमान में कुल सिंचित क्षेत्र 209876 हेक्टेयर है, जो कुल फसल क्षेत्र का 17 प्रतिशत है.
प्रमुख फसलों के फसल क्षेत्र में कमी
• प्रमुख खाद्य फसलों के फसल क्षेत्र में 36 प्रतिशत की कमी
• प्रमुख दलहन फसलों के फसल क्षेत्र में 22 प्रतिशत की कमी
• प्रमुख तेलहन फसलों के फसल क्षेत्र में 06 प्रतिशत की कमी
• प्रमुख फल-सब्जी फसलों के फसल क्षेत्र में 13 प्रतिशत की कमी
सिंचाई के साधनों में कमी
• नहर से सिंचाई में 12 प्रतिशत की कमी
• बांध से सिंचाई में 32 प्रतिशत की कमी
• कुआं एवं ट्यूबवेल से सिंचाई में 26 प्रतिशत की कमी
• अन्य स्रोतों से सिंचाई में 24 प्रतिशत की कमी
इन फसलों के उत्पादन में गिरावट
भदई धान: भदई धान रांची, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम आदि जिलों में प्रमुख रूप से उपजाया जाता है. इसके उत्पादन में 17 प्रतिशत की कमी आयी है.
मकई: मकई को पलामू, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, चतरा, हजारीबाग जिलों में प्रमुख रूप से उपजाया जाता है. इसमें 46 प्रतिशत की कमी आयी है.
अगहनी धान: अगहनी धान के फसल क्षेत्र में 40 प्रतिशत की कमी आयी है. अगहनी धान मुख्यतः रांची, गुमला, प० सिंहभूम, पूर्वी० सिंहभूम एवं दुमका में काफी मात्रा में उपजाया जाता है.
रबी फसलों के उत्पादन में भी कमी
गेहूं: रबी गेहू रांची, हजारीबाग, चतरा, गिरिडीह, गोड्डा, देवघर, पलामू एवं गढ़वा जिले में उपजाया जाता है. गेहूं के फसल क्षेत्र में 23 प्रतिशत की कमी आयी है.
चना: रबी चना मुख्यतः पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग एवं गिरिडीह जिले में प्रमुख रूप से उपजाया जाता है. 21 प्रतिशत की कमी आयी है.