राज्य में फर्जी दस्तावेजों के सहारे व्यापक स्तर पर जमीन की लूट और हेराफेरी जारी : बंधु तिर्की
Ranchi : झारखंड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखंड में जल, जंगल, जमीन की लूट मची है. बंधु ने कहा कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर अवांछित तत्व उसका दुरूपयोग करते हुए ज़मीन घोटालों में संलिप्त हैं. ज़मीन घोटालों में संलिप्त लोग उच्च न्यायालय एवं अन्य अदालतों को भी अंधेरे में रखकर अपने दस्तावेजों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
बंधु ने कहा कि अवांछित तत्व न केवल राजधानी रांची या राज्य के अन्य शहरों के अंचल कार्यालयों और संबंधित कार्यालयों में दस्तावेजों की हेराफेरी कर रहे हैं, बल्कि अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से कोलकाता जैसे शहरों में भी जाकर भ्रष्टाचार के बलबूते जमीन के दस्तावेजों की हेराफेरी कर रहे हैं. ये लोग सरकार के कई संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ मिलकर उन कागजातों में भी जालसाज़ी या फिर उसे नष्ट कर दे रहे हैं, जो सरकारी कार्यालयों में जमा हैं और सरकारी संपत्ति है.
राज्य के कई अंचल का रजिस्टर-टू को फाड़ दिया गया
बंधु तिर्की ने कहा कि, इससे पहले भी यह प्रमाणित हो चुका है कि राज्य के कई अंचल कार्यालयों में रजिस्टर-टू को फाड़ दिया गया या फिर उसे गायब कर दिया गया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में विभिन्न जगहों पर कई जमीन घोटाले से संबंधित कुछेक मामलों की जांच-पड़ताल के लिए छापेमारी की थी तब भी ऐसे मामले सामने आये थे. उन्होंने कहा कि न्यायालय के कई आदेश भी उन तथ्यों को प्रमाणित करते हैं.
बंधु ने कहा कि सरकार की पूरी सक्रियता के अलावा न्यायालय के कई संबंधित आदेश और ईडी कार्यालय की सक्रियता के बाद भी वैसे तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगना गंभीर चिंता की बात है. क्योंकि कई बड़े आपराधिक घटनाओं की जड़ में ज़मीन विवाद ही है.
बंधु ने कहा कि झारखंड में लूट मची है. जल, जंगल, जमीन का गाना गाते-गाते कई बहुरुपिया तत्वों ने यहां के लोगों का शोषण और दोहन किया है. उन्होंने कहा कि वैसे ही तत्वों ने उस आदिवासी मानसिकता-विचारधारा की धज्जियां उड़ायी है, जो प्रकृति के साथ जुड़कर सीधे-सही रास्ते पर चलकर अपना जीवन काटते हैं और छल-प्रपंच से बहुत दूर हैं.
सीएम से की अपील
बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि वे इस मामले पर अविलंब उच्च स्तरीय टीम का गठन कर जांच का आदेश दें. बंधु ने कहा कि इसमें विशेष रूप से सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ संबंधित सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत की भी जांच की जाये. झारखंड में जंगल के साथ ही, नदी-नाला, बालू और जमीन को भी लुटने से बचाया जाये.
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