शरीर पांच तत्व में हो जाएगा विलीन, मगर आंखें रहेगी जीवित
मोतियाबिंद से ग्रसित मरीजों को कृत्रिम लेंस लगाकर उनकी दृष्टि में सुधार किया जाता है. डॉ. पी सिन्हा ने कहा कि जिनकी कॉर्निया खराब हो जाती है, उनकी आंखों की रोशनी नेत्रदान से ही वापस लौट सकती है. अपनों को खोने के गम के बीच यदि मृतक के परिजन नेत्रदान करते हैं तो उनकी आंखें दुनिया देख सकेगी. शरीर भले ही पांच तत्व में विलीन हो जाएगा, मगर आंखें जीवित रहेगी. इसे भी पढ़ें : जमीन">https://lagatar.in/ed-raids-in-ranchi-dhanbad-dumka-deoghar-godda-in-land-and-liquor-scam/">जमीनऔर शराब घोटाला मामले में रांची, धनबाद, दुमका, देवघर, गोड्डा में ईडी की छापेमारी [wpse_comments_template]
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