Ranchi : झारखंड और बिहार में अब ऐसी कोई जगह नहीं रही,जहां सुरक्षा बलों की पहुंच न हो. यह बात बुधवार को सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने कही. डीजी ने कहा कि झारखंड में नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है. नक्सलियों के सफाये के लिए सुरक्षा बलों को हेलीकॉप्टर की मदद से बूढ़ा पहाड़ पर उतारा गया था. सुरक्षाबलों के लिए बूढ़ा पहाड़ पर स्थायी कैंप बनाया गया है.
तीन ऑपरेशन के बाद बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराया गया
सीआरपीएफ के डीजी ने कहा कि अलग-अलग तीन ऑपरेशन के बाद बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराया गया है. उन्होंने बताया कि अप्रैल 2022 से अब तक झारखंड में 4 नक्सलियों को मार गिराया गया है. छत्तीसगढ़ में इस दौरान 7 नक्सली मारे गये, जबकि मध्यप्रदेश में 3 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मौत के घाट उतार दिया. कुलदीप सिंह ने कहा कि ऑपरेशन ठंडर स्टॉर्म ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी, इसी ऑपरेशन के तहत सुरक्षा बलों ने तीन राज्यों में 14 नक्सलियों का सफाया किया. उन्होंने बताया कि 578 माओवादियों ने इस दौरान सरेंडर किया है.
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उग्रवादी घटनाओं में 77 फीसदी की कमी आयी
सीआरपीएफ के डीजी ने कहा कि वामपंथी उग्रवादी घटनाओं में 77 फीसदी की कमी आयी है. वर्ष 2009 में नक्सलवाद अपने चरम पर था. उस वर्ष 2,258 नक्सली घटनाएं हुई थीं. यह आंकड़ा अब घटकर 509 रह गया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ नक्सली वारदात में ही कमी नहीं आयी है, बल्कि नक्सली हमले में होने वाली मौतों में भी अप्रत्याशित रूप से कमी आयी है.
बिहार अब पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त
सीआरपीएफ के डीजी ने कहा है कि बिहार अब पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त हो चुका है. बिहार में अब उनकी उपस्थिति वसूली गिरोह के रूप में हो सकती है, लेकिन इस प्रदेश में अब कहीं भी नक्सलवादियों का प्रभाव नहीं रहा. उन्होंने दावा किया कि झारखंड और बिहार में अब ऐसी कोई जगह नहीं रही, जहां सुरक्षा बलों की पहुंच न हो.
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