: ट्रेन हादसे में मृतकों की हुई पहचान, पत्नी से विवाद के बाद दो बच्चों के साथ की आत्महत्या
शेयर बाजार और नीट घोटाला एक बड़ी साजिश
उन्होंने कहा कि चार जून को देश के लोकसभा का परिणाम और एनटीए के द्वारा लिए गए प्री-मेडिकल एग्जाम नीट का उसका भी रिजल्ट निकला. हमें पता चला कि रांची का एक मेधावी छात्र को 720 में 720 नंबर मिला. एक बार हमारे लिए यह गर्व का विषय था कि हमारे शहर का नाम पूरे देश में गौरवपूर्ण तरीके से सामने आया है. मगर कुछ देर बाद 719 और 720 का असली फिगर जब सामने आया तो पूरा देश दंग रह गया. कुछ लोग चुनाव के आपा-धापी में भूल गए थे कि बिहार, गुजरात और राजस्थान में तीन भाजपा शासित राज्यों में पुलिस ने नीट के पेपर लीक प्रकरण में कई लोगों को गिरफ्तार किया. यह बातें उस समय चुनावी शोर में दब गया था, क्योंकि उस समय 400 पार के नारे लग रहे थे, मगर सारे कुचक्र मेधावी छात्रों का भविष्य का बेड़ा गर्क कर रहा था, उस पर किसी का ध्यान नहीं किया गया. 23 लाख बच्चे 17 से 18 साल की उम्र के, आप समझ सकते हैं दिन-रात एक करके जिन्होंने इस परीक्षा में शामिल होने का काम किया, उसके साथ केंद्र सरकार ने कितना बड़ा धोखा दिया. कितना बड़ा भ्रष्टाचार किया. उनका पहला भ्रष्टाचार 4 को दो बार सामने आया, एक बार जब सेंसेक्स लुढ़का, 30 लाख करोड़ के बाजार का भ्रष्टाचार सामने आया. इसके बाद नीट में कितने लाख करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ, इसका पता लगाना बाकी है.केंद्रीय एचआरडी मिनिस्टर झूठ बोल कर देश के भावी डॉक्टरों के साथ भद्दा मजाक कर रहे हैं
इससे आगे सुप्रियो ने कहा, सरकार गठन के बाद जब यह मामला केंद्र के पास आया तो मदर डिपार्टमेंट एचआरडी उसके लिए मिनिस्टर धमेंद्र प्रधान ने कहा कि कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ. कहीं पेपर लीक नहीं हुआ, मगर उन्हीं के शासित राज्यों के पुलिस ने इसे उजागार किया, पेपर लीक हुआ, लोग पकड़े गए. 30 लाख से 1-1 करोड़ में बेचा गया. यह पूरी तस्वीर साफ करता है कि किस पैमाने पर सरकार में बैठे लोग, केंद्र सरकार में बैठे लोग और उनके संपोषित दलाल गैंग, खासकर कोचिंग संस्थान चलाने वाले लोग किस मात्रा में इस काम को किये. यह सभी लोगों का लिंक, कहीं न कहीं गुजरात और राजस्थान से जुड़ा हुआ है. कौन देगा इसका जवाब. एनटीए ने कहा कि हमने ग्रेस मार्क्स दिया था. क्यों दिया था, जब दिया तो कह रहे हैं कि इसे वापस लेते हैं, पुन:परीक्षा लेना पड़ेगा. क्या यह स्टुडेंटस के साथ शोषण और भद्दा मजाक नहीं है. क्या उसको आप चने की झाड़ पर चढ़ा दिए. अब बोल रहे हैं कि फिर से परीक्षा दो. जो बच्चे सुप्रीम कोर्ट गए, केवल उन्हीं का विड्रॉ किया गया. एक तरफ बोल रहे हैं, हम काऊसलिंग भी चलाएंगे. यह कौन सा मजाक चल रहा है. क्या इससे गुणवत्ता पूर्वक डॉक्टर आ पाएंगे क्या. तो भविष्य को हम किसको हवाले कर रहे हैं. जब आपके पास आधारभूत संचरना नहीं है, तो आप क्यों लेते हैं इतने बच्चों का एग्जाम.दस वर्षों के मोदी शासन में 41 बार पेपर लीक हुआ, जिसमें 17 बार केवल यूपी में
सुप्रियो ने कहा कि विगत दस वर्षों के मोदी शासन में 41 बार पेपल लीक हुआ. उसमें 17 बार यूपी में हुआ केवल साढ़े सात साल में. एमपी में हुआ, गुजरात में हुआ. उत्तराखंड में हुआ. यह साधारण बात नहीं है. लाखों बच्चों के साथ, लाखों विद्यार्थी, जो विभिन्न तरह की प्रतियोगिता परीक्षा का एग्जाम देते हैं. उनके साथ यह भद्दा मजाक किया जाता है. क्यों नहीं आज तक कुलिन वर्ग है, उनके दायरे के जो परीक्षाएं हैं, क्या कारण है उनका पेपर लीक नहीं होता है. केवल मध्यम एवं निम्न वर्गीय लोग के बच्चों का ही पेपर लीक क्यों. जो एक-एक पैसा जोड़कर परीक्षा देते हैं, अपना भविष्य संजोते हैं, अपनी पीढ़ी मजबूत करने के सपने देखते हैं,उनके साथ ऐसा क्यों. इसे भी पढ़ें -जी7">https://lagatar.in/g7-summit-pm-modi-meets-emmanuel-macron-rishi-sunak-zelensky/">जी7शिखर सम्मेलन : पीएम मोदी ने इमैनुअल मैक्रों, ऋषि सुनक, जेलेंस्की से मुलाकात की [wpse_comments_template]
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