Ranchi : बढ़ते कोरोना के संक्रमण को मद्देनजर रांची विश्वविद्यालय-RU के जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग में इस वर्ष भी सरहुल पर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक नृत्य का आयोजन टल गया है. पिछले वर्ष भी लॉकडाउन और सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार यह आयोजन नहीं हो पाया था, जबकि पहले विभाग में करमा और सरहुल पर भव्य सांस्कृतिक आयोजन होता रहा है. इसमें सभी 9 जनजातियों और क्षेत्रीय भाषाओं में नृत्य गीत की प्रस्तुति होती आ रही है.
इस दौरान झारखंड के कई गणमान्य भी इस कार्यक्रम में शिरकत करते हैं, मगर इस बार कोविड को देखते हुए भीड़ न हो. इसके लिए साधारण तरीके से पारंपरिक पूजा संपन्न करायी जाएगी और अतिरिक्त लोगों को इस कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं किया जाएगा. इस बार सरहुल 15 अप्रैल को मनाया जाएगा.
पारंपरिक पूजा तो होगी, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
रांची विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय एवं जनजातीय विभाग के एचओडी डॉ हरि उरांव ने बताया कि सरहुल पर हर वर्ष सरहुल के दौरान सांस्कृतिक आयोजन की तैयारी की जा रही थी, लेकिन रांची विश्वविद्यालय स्तर पर और विभाग के स्तर पर बैठक रखी गई, जहां निर्णय लिया गया कि इस बार पारंपरिक तरीके से कम लोगों द्वारा सरहुल मनाया जाएगा, मगर सरकार की कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए किसी भी तरह का सांस्कृतिक आयोजन नहीं किया जाएगा. राज्य सरकार द्वारा जो गाइडलाइन जारी की गई है, इसका पालन करेंगे.