- वित्तीय वर्ष (2025-26) मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने के मामले में झारखंड चौथे स्थान पर.
- पहला नंबर- बिहार में अब तक मोतियाबिंद का 1,83,734 ऑपरेशन करने का दावा किया है.
- दूसरा नंबर- उत्तर प्रदेश ने अब तक मोतियाबिंद के 1,77,755 ऑपरेशन का दावा किया है.
- तीसरा नंबर- ओड़िशा ने अब तक मोतियाबिंद के 1,59,245 ऑपरेशन का दावा किया है.
- चौथा नंबर- झारखंड ने अब तक मोतियाबिंद का 43,031 ऑपरेशन के बदले 33.35 करोड़ का भुगतान.
Ranchi : मेरे अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करायें और गिफ्ट में स्टील का बर्तन पायें. आयुष्मान भारत योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा मरीजों को अपने अस्पताल में बुलाकर ऑपरेशन करने के लिए इस बात का प्रचार दबी जुबान से किया जा रहा है. ऑडिट के दौरान रांची के THIRD EYE नामक अस्पताल द्वारा मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को गिफ्ट में स्टील का बर्तन देने का मामला पकड़ में आया है. इससे संबंधित रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग सहिय योजना से जुड़े अधिकारियों को भेज दी गयी है. लेकिन सरकार ने कार्रवाई करने के बदले चुप्पी साध ली है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में छूट की परंपरा कायम है. जैसे दवा पर 15-20% छूट. स्वास्थ्य से संबंधित जांच में भी छूट की परंपरा है. जैसे खून आदि की जांच छूट इत्यादि. लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऑपरेशन के दौरान गिफ्ट की परंपरा नहीं रही है. अब तक कहीं ऐसा नहीं सुना गया कि किसी अस्पताल में हार्ट का ऑपरेशन कराये और गिफ्ट में फ्रीज पाये. या फलाना अस्पताल में आंख का ऑपरेशन करायें और गिफ्ट में घड़ी या कुछ और चीचें पायें.

गिफ्ट देने के लिए अस्पताल में रखा गया स्टील का बर्तन.
ऑपरेशन में गिफ्ट की योजना कहीं भी प्रचलित नहीं है. क्योंकि ऑपरेशन, नसबंदी की तरह योजना नहीं है. जिसके Promotion की जरूरत पड़े. जैसे नसबंदी कराने वालों को सरकार 1000 रुपये देती है. लेकिन आयुष्मान योजना के तहत आंख का ऑपरेशन कराने वालों को सरकार पैसे नहीं देती है. सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने वाले अस्पताल को प्रति ऑपरेशन अस्पताल को 9000 रुपये देती है.
आयुष्मान में सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि को अपर्याप्त बताया जाता रहा है. लेकिन अब अपने अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के बदले मरीजों को गिफ्ट दिया जा रहा है. इससे पहले राज्य में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान फर्जी जांच रिपोर्ट के आधार पर ऑपरेशन करने सहित अन्य प्रकार की गड़बड़ियां पकड़ी जा चुकी है. लेकिन मोतियाबिंद ऑपरेशन कराने वाले मरीज को गिफ्ट में बर्तन देने का मामला पहली बार पकड़ में आया है.
बीमा कंपनी ने रांची के THIRD EYE नामक अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को गिफ्ट में बर्तन देने का मामला पकड़ा है.
आयुष्मान योजना के तहत बीमा कंपनियों द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों का ऑडिट करने का प्रावधान है. नियमानुसार योजना के तहत कुल दावों का कम से कम 5% का ऑडिट करना है. ऑडिट के दौरान अस्पताल द्वारा मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं, आधारभूत संरचना, डॉक्टरों की व्यवस्था आदि की जांच की जाती है.
बीमा कंपनी ने ऑडिट के इस प्रावधान के आलोक में रांची के THIRD EYE अस्पताल का ऑडिट किया. सितंबर 2025 में किये गये ऑडिट के दौरान बीमा कंपनी ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाली एक महिला को अस्पताल की ओर से बर्तन देने का मामला पकड़ा. महिला को गिफ्ट के रूप में स्टील की एक थाली, एक ग्लास, एक प्याली, एक चम्मच और एक फ्राई पैन दिये गये थे.
ऑडिट के दौरान पूछताछ मे महिला ने बताया कि अस्पताल द्वारा यहां मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वालों को स्टील का बर्तन सेट दिये जाने की योजना की जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्होंने इस अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया.
बीमा कंपनी की ऑडिट टीम ने गिफ्ट के रूप में दिये गये बर्तन के साथ महिला की तस्वीर ली. महिला को आई ड्रॉप सहित कुछ दवाईयां भी दी गयी थीं. ऑडिट के बाद बीमा कंपनी की ओर से इससे संबंधित जानकारी स्वास्थ्य विभाग और योजना से संबंधित बड़े अधिकारियों को दी. लेकिन अब तक इस मामले में किसी के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी है.


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