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कोरोना की तीसरी लहर अभी अनुमान है, अगर आयी तो सबसे अधिक बच्चों पर पड़ेगा असर

Saurav Shukla

Ranchi : देश के साथ-साथ झारखंड में भी कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी है. माना जा रहा है कि भारत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर भी आएगी. हालांकि रिम्स के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ निशित एक्का की माने तो कोरोना की तीसरी लहर एक अनुमान है. इसके आने की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है.

100 साल पहले स्पेनिश फ्लू की तीसरी लहर भी आई थी

डॉ निशित एक्का ने कहा कि आज से 100 साल पहले स्पेनिश फ्लू आया था, जिसकी तीसरी लहर भी आयी थी. लेकिन उस वक्त इसका असर काफी खतरनाक नहीं था. उन्होंने कहा कि यदि हम स्पेनिश फ्लू से कोरोना की तुलना करें तो जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचायी. ठीक उस दौर में स्पेनिश फ्लू की दूसरी लहर ने भी तबाही मचायी थी. तीसरी लहर ज्यादा घातक साबित नहीं हुई थी.

18 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं मिली वैक्सीन तो हो सकता है नुकसान

हालांकि कोविड टास्क फोर्स के एक्सपर्ट डॉक्टर की मानें तो कोरोना की तीसरे लहर में सबसे अधिक बच्चे संक्रमित होंगे. इसका नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इसका प्रमुख कारण है कि कोरोना का टीका 18 साल से अधिक आयु के लोगों को दिया जा रहा है. कोरोना की तीसरा लहर आने तक इस आयु वर्ग के लोग वैक्सीनेट हो जाएंगे. लेकिन 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन नहीं मिल पाएगी. ऐसे में तीसरी लहर का प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा, लेकिन ये लहर खतरनाक होगा कि नहीं ये कहना अभी मुश्किल है. सरकार को बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर भी विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन उन्हें आईसीयू और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ रही है. बच्चे सामान्य रूप से सर्दी-जुकाम से ग्रसित हो रहे हैं.

कुछ ऐसे होंगे लक्षण

  • यदि बच्चों के चेहरे का रंग नीला दिखने लगे
  • बच्चों को उल्टी दस्त की समस्या हो
  • बच्चों के शरीर और पैर में लाल चकते हो जाए
  • बच्चे को 1-2 दिन से ज्यादा बुखार रहे

कैसे करें बचाव

  • फेफड़े को मजबूत बनाने के लिए बच्चों को गुब्बारे फुलाने के लिए दे
  • बच्चों को पीने के लिए गुनगुना पानी दे, इससे संक्रमण का खतरा कम होगा
  • अगर बच्चा बड़ा है तो उसे सांस वाली एक्सरसाइज कराएं
  • बच्चों की इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए खट्टे फल खाने के लिए दे
  • बच्चों को बैक्टीरियल इनफेक्शन और वायरल इन्फेक्शन से बचाने के लिए हल्दी वाला दूध दें