- देश के हेल्थ सिस्टम पर मेडिकल रिसर्च जर्नल ‘द लेंसेट’ के उठाये सवाल पर जेएमएम नेता ने की टिप्पणी
- प्रधानमंत्री की कार्यशैली पर जर्नल ने लिखा है कि भारत में इस साल 1 अगस्त तक कोरोना महामारी से 10 लाख लोगों की मौत हो जाएगी
Ranchi : कोरोना महामारी की आने वाली तीसरी लहर को काफी खतरनाक व घातक बताते हुए सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन का संकेत दे दिया है. देश के हेल्थ सिस्टम पर मेडिकल रिसर्च जर्नल ‘द लेंसेट’ के उठाये बातों का हवाला देते हुए पार्टी प्रवक्ता सह महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि अगर तीसरी लहर गांव तक पहुंच जाती है, तो स्थिति काफी विस्फोटक हो जाएगी. अन्य राज्यों ने इस चेन को तोड़ने के लिए कठोरता से संपूर्ण लॉकडाउन लगाया है. जरूरी है कि हम भी इसके लिए तैयार रहें.
केंद्र और राज्य सरकारों की आपसी तालमेल जरूरी
जेएमएम नेता ने इस महामारी में केंद्र और राज्य सरकारों की आपसी तालमेल पर भी जोर दिया है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि कोरोना से हुई मौतों को लेकर केंद्र के हर दिन जो भी आंकड़े जारी होते हैं, उससे कई गुणा अधिक मौतें हो रही हैं. झारखंड के लिए तो कोरोना संकट एक बड़ी समस्या है. राज्य में संसाधन काफी कम है ही, वहीं केंद्र का भी सहयोग नहीं के बराबर है. देशभर के लगभग 500 हॉस्पिटलों में प्रेशर स्विंग ऐड्सॉप्रर्शन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति केंद्र देती है, लेकिन इसमें झारखंड नहीं है. ऐसे में अगर असहयोग का वातावरण बना रहता है, तो व्यापक संकट में जाने में और परेशानी बढ़ेगी.
झारखंड में हर दिन बढ़ाए जा रहे हैं बेड
जेएमएम नेता ने कहा कि हेमंत सरकार अपने सीमित संसाधनों के बल पर स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रही है. हॉस्पिटलों में हर दिन 100 से 150 बेड बढ़ाये जा रहे है. लेकिन संक्रमितों मरीजों की संख्या इन बेड़ों की संख्या में लगातार बढ़ रही है. इस परिस्थिति में कई राज्यों ने कड़ाई से लॉकडाउन लगाया है. ऐसे में यह जरूरी है कि इस संक्रमण को कठोरता से तोड़ना होगा.
बता दें कि द लेंसेट ने अपने एक संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणी की है. जर्नल ने लिखा है कि भारत में इस साल 1 अगस्त तक कोरोना महामारी से 10 लाख लोगों की मौत हो जाएगी. अगर ऐसा हुआ तो मोदी सरकार इस राष्ट्रीय तबाही के लिए जिम्मेदार होगी, क्योंकि कोरोना के सुपर स्प्रेडर के नुकसान के बारे में चेतावनी के बावजूद सरकार ने धार्मिक आयोजनों को अनुमति दी, साथ ही कई राज्यों में चुनावी रैलियां कीं.