Search

यह पहला उदाहरण जब एक साथ-एक दल के नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा मिली

Uttam mukherjee
बंगाल के भाजपा विधायकों को केंद्रीय सुरक्षा. एक-एक विधायक के साथ रहेंगे सीआरपीएफ के 6-6 जवान. इस माह तक सभी 293 भाजपा उम्मीदवारों को जारी रहेगी सुरक्षा. एक साथ, एक दल के जनप्रतिनिधियों को सेंट्रल सिक्योरिटी मिलने का शायद यह पहला उदाहरण है.
लोकतंत्र की बात करें तो टीएमसी को landslide जीत मिली है. फिर भी कानून-व्यवस्था के नाम पर अगर एक दल के नेताओं की रक्षा के लिए करोड़ों रूपया खर्च किया जा रहा है, तो यह पैसे की बर्बादी है. देश में वैसे भी पारा मिलिट्री बहुत कम है.
बंगाल हिंसा पर ऐसे भी हाईकोर्ट ने विशेष जांच दल बनाने की याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा है कि दोनों दल के लोग मारे गए हैं. जब हिंसा हुई, उस समय आयोग के अधिकारी काम देख रहे थे. सीएम बनने के बाद घटना नहीं हुई. अदालत ने कहा अभी कोविड प्रायोरिटी है. सीएम को काम करने दीजिए. मिलकर काम करिए.
ऐसे भी अगर राज्य में जंगलराज है तो सिर्फ भाजपा प्रत्याशी और विधायक नहीं सभी को खतरा होगा. फिर राष्ट्रपति शासन के लिए शाहजी के पास पूरा ऑप्शन खुला ही है. गवर्नर भी हस्तक्षेप कर ही रहे हैं.
भाजपा से कौन लोग ऐसे फ़ाउल करवा रहे मालूम नहीं. ऐसे ही कुछ कारण है जो सत्ता के दरवाजे से दल को खींच दिया.
भाजपा के तथागत राय व राहुल सिन्हा ने ऐसे परिणाम का आगाह पहले ही कर दिए थे. दल ने जिन हीरोइनों को टिकट दिया था, वे होली के अवसर पर टीएमसी के चर्चित नेता मदन मित्र के साथ चुनाव के समय नाव पर ठुमके लगा रही थी.
टीएमसी से आए लोग 160 टिकट लिए. 8 पर जीते. पुराने भाजपाई 69 सीटें निकाल लिए. फिर भी दल बदल वालों का वैल्यू बढ़ रहा है. फिर खेमेबाजी शुरू हुई हो गई है.
बात हुई दिलीप घोष और राहुल सिन्हा से. मुकुल राय जो लोकसभा चुनाव के समय 18 सीटें दिलवाए थे, आज कह रहे शुभेंदु ही नेता बने. मेरी तबीयत ठीक नहीं. हालांकि बिना मास्क के आज मीटिंग में रविशंकर जी से मिल लिए. वे सिर्फ मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे. टीएमसी की जबर्दस्त जीत पर या शुभेंदु के नेता बनने पर, यह तो शीघ्र ही पता चल जाएगा.
ज़रूरत अभी है कोविड के लिए सभी पक्ष मिलकर जमकर काम करें. हालांकि ऐसा धरातल पर दिख नहीं रहा है.

डिस्क्लेमर : ये लेखक के निजी विचार हैं.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp