Surjit singh
This attack we have won like crazy. इसका हिंदी अनुवाद. इस हमले के बाद हमारी जीत तय है. 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के कुछ मिनटों बाद ही यही लिखा गया था. ऐसा लगता है लिखने वाला देश के 40 जवानों की शहादत पर खुशी से पागल हो रहा है. खुशी इस बात की कि इस घटना के बाद भाजपा व मोदी की जीत को कोई नहीं रोक सकता. लिखने वाला कौन था. अर्नब गोस्वामी. रिपब्लिक टीवी का संपादक. वही संपादक जो टीवी स्क्रीन पर कॉलर चढ़ा कर खुद को सबसे बड़ा राष्ट्रवादी बताता है. 23 फरवरी 2019 को चैट करते हुए अर्नब बालाकोट एयर स्ट्राईक की भी बात करता है. बालाकोट पर भारतीय सेना ने 26 फरवरी 2019 को एयर स्ट्राईक किया था. इस तरह की सैन्य कार्रवाई का फैसला कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी अफेयर्स (CCS) करती है. इसमें प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और सैन्य प्रमुख होते हैं. फिर कार्रवाई से चार दिन पहले यह जानकारी अर्नब के पास कैसे थी.
एक अन्य चैट में अर्नब BARC के तत्कालीन प्रमुख पार्थो दास गुप्ता को आश्वासन दे रहा है कि वह मोदी को सहायता कर रहा है. जबकि पार्थो दास गुप्ता यह आग्रह कर रहा है कि उसे पीएमओ में मीडिया सलाहकार पद दिलवा दे. इस पर अर्नब किसी AS से बात करने का आश्वासन देता है. पिछले हफ्ते आपने देखा-सुना. अमेरिका में क्या हुआ. राष्ट्रवादी खुद को कहने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अपील पर हजारों की भीड़ ने वहां की संसद पर हमला कर दिया. तोड़-फोड़ और हिंसा की. अमेरिका के लिए वह दिन इतिहास का काला दिन माना जा रहा है.
इन घटनाओं से क्या पता चलता है. राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादियों का असली चेहरा सामने आता है. ऐसे राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादियों की वजह से राज्य, देश और दुनिया संकट में आती है. इसे समझने के लिए आपको इतिहास में जाने की जरुरत नहीं है. न ही “हिटलर” या द्वितीय विश्वयुद्ध को जानने की जरुरत है. बस इतना हाल की घटनाओं को ही समझ लीजिये. छद्म राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादियों की करतूत और अपना भविष्य दिखने लगेगा. ऐसे राष्ट्रवादियों को सिर्फ जीत चाहिए, सत्ता के लिए, वह भी हर कीमत पर.
इसे भी देखें- आखिर द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले यूं ही नहीं कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर दुनिया भर में घूम-घूम कर बता रहे थे कि राष्ट्रवाद प्लेग व चेचक जैसी महामारी है. वह समझाते थे. “राष्ट्रवाद” एक महामारी है. वह इसकी तुलना उस वक्त की महामारी- प्लेग, चेचक से करते थे. कहते थेः यह देश और राज्य को खत्म कर देगा.
Leave a Comment