Sanjay Singh
Ranchi: नेशनल वाली पार्टिया के लोकल नेताजी लोग विधानसभा चुनाउवा में पंजा लड़ावे लगी ढेरे परेशान है. जेने -तेने से जुगाड़ मैनेजमेंट में लगल है. झारखंड में राजधानी जईसन प्रमुख सीट से चुनाव लड़े ला ढेरे नेताजी लोग लकलकाईल है. एगो सीट लगी दु दर्जन नेता जी लोग ताल ठोकले है. लेकिन ताल ठोकेवाले नेताजी लो फील्डवा में तनिको न दिखाई दे रहीस है, उपरे-उपरे हवा बनावे लगल है. हवा-हवाई नेताजी लोग कभी प्रभारी के आगे-पीछे पैडल मारले है, तो दूसरका बड़का नेताजी के आगे-पीछे. प्रदेश अध्यक्ष के भी सेट करे में लगल है. अब देखिए न, राजधानी सहित झारखंड की अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ने के लिए लकलकाईल नेताजी जनता की बीच न रह कर दूरे-दूरे रह कर गेटिंग-सेटिंग में लगल हैं.
जनता से दूरी और अपन बड़का नेताजी से नजदीकी के चक्कर में नेताजी लोग कहां-कहां नहीं पैडल मार रहीस है. टिकट लगी ई नेताजी लोग चमचई में हाल में ही एक पखवारे से बेसिए कश्मीर में रह कर लौट गईल है लोग. कहे के तो टिकट ला लकलकाईल ई नेताजी लोग प्रभारी मीर साहिब के चुनाव प्रचार में गईल थे. लेकिन कितना प्रचार कीहिन, कितना लाभ मीर साहिब के होगा, ई तो दु-चार दिन बाद चुनाव परिणामवा आये के बादे पता चल सकेगा, लेकिन कश्मीर से लौटल नेताजी लोग ईहा ढेरे हाॉफडीप देले है. कह रहीस है कि ऊ लोग जेने-जेने गईस, नेताजी के पक्ष में हवा बना दीहिस.
ईहां कांग्रेस के बरामदा समिति के मेंबरान लोगन के पास तो तनिका ढेरे हांक दे रहल है कश्मीर रिटर्न नेताजी लोग. राजधानी रांचीवाली सीटवा से जे-जे दावा ठोकिस है, ऊ तनिका ज्यादा परेसान हो रहीस है. ऊ लोग के बुझा रहीस है कि कहीं रांची सीटवा के सीट शेयरिंग में झामुमो न हथिया ले. बस ईहे उधेड़बुन में ई कई गो नेताजी लोग झामुमो के दुआरी पर भी अड्डेबाजी कईले है. झामुमो के नेताजी लोगन के भी पटियावे में लग गईस है. लेकिन जो झामुमो के दफ्तरवा में जो नेताजी के पास ई लोग पैडल मारे ला पहुंच रहीस है, ऊ कम सातिर न है. राजनीति के पंडिताई में अइसन लंघी मार रहीस है कि ई दुआर अगोरिया करेवाला नेताजी के बुझाइयो न रहीस है.
अब पंजवा वाली पार्टिया में एगो नेताजी तनिका ज्यादा ही युवा हैं. कहल जाए, तो राजा जी हैं. मृदुभाषी, मिलनसार, गेटिंग सेटिंग में महारथ हासिल कईले हैं. पहिले छात्र वाला राजनीति कईले थे, फिर युवा हुए, तो युवा वाला पंजा चलावे लग गिये. तनिका नेम-फेम भी होइए गईस. अब तो जानिए रहे हैं, नेम-फेम हुईस तो बड़का नेताजी लोग के आगे-पीछे पैडल मारे लगे. फायदो हुईस. बिन पद के शायद न रह पाते, तो कोई न कोई पदवा हथियावे में कामयाब ही हो गिये. राजाजी हईहैं, संगठन में पद तो ढेरे हो गिया, अब लकलकाईल हैं रांची से टिकट हथियावे लगी.
लेकिन राजा बाबू कनिका जरूरत से ज्यादा ही तेज हैंय इनका ई बातवा से समझ है कि सीट शेयरिंग में राजधानी के सबसे महत्पूणर् सीटवा तो झामुमो के मिले के आसार है, तो झामुमो के दुआरियो पर पहुंच गईन. झामुमो के पंडिताई करेवाले घाघ नेताजी के शरण में पहुंचे, तो ऊ भला का बोलते. ई तो नहीं न बोलते कि जाओ तुम्हारा काम नहीं करेंगे. लल्लो चप्पो तो करेही पड़ेगा न. वईसे राजा बउवा भी तनिका खिलाडि़ये हैं. ईहो बुझिए रहीन है कि डाइलिमा में न रहेला है. सो बोले. भईया, देखिए गा ना, सीट शेयरिंग में का होता है. हमको तो लगता है झामुमो की मैडम ने पिछला दफा सीपी चचा को पानी पिला दीहिस थीं. जोरदार टक्कर दीहिन थी, लेकिन अब तो ऊ सांसद हो गई हैं, तो ऊ तो नहींए लडे़ेंगी.
फिर झामुमो को दूसरा दमदार कैंडिडेट ही उतारे पड़ेगा. ए भइया, सुने हैं आपहूं चुनाव लड़ेला तैयार हैं. आपका नामवा का भी चर्चा हो रहीस है. अब भाई जे पूरा झामुमो के पंडिताई कईले हैं, उ पांडेय जी अईसेही आसानी से वाइड बॉन न फेंकेंगे. राजा बाबू के चरा के टरका दीहिन. पंडित जी राजा बाबू के समजा दीहिन, देखिए बॉस आपका पार्टियावाला जोरदार तरीके से सीट शेटरिंग में रांची के लिए अडता है, तो चांस बन सकता है. लेकिन आपका ही पार्टिया वाला लोग दब्बू बनल रहेगा, तो हमलोग का कर सकते हैं. वईसे मीटिंगवा में तो हम रहबे करेंगे, फिर जईनसन होगा तो बताईबे करेंगे. अभी जाओ न यार… देखते हैं आगे का होता है. जईसा भी होगा, हम कोशिश करेंगे तुमको मदद भी करबे करेंगे. बाकी तो देखल जाएगा. जाओ अभी ढेरे लोग आ गईल है, सभे से मिलना-जुलना भी है.
इसे भी पढ़ें – हिंदू समाज जाति, भाषा, क्षेत्रीय विवाद दूर कर एकजुट होगा, तभी सुरक्षित रहेगा : मोहन भागवत
Leave a Reply