Ranchi: पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसाओं के आलोक में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को 5516.90 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद नहीं है.
क्योंकि 29 मार्च को चालू वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन है. इस बीच सरकार द्वारा आयोग की अनुशंसाओं की समीक्षा के लिए समिति गठित करने के फैसले से अगले साल के लिए भी संशय की स्थिति बन गई है.
पंचम राज्य वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में राज्य के राजस्व (टैक्स+नन टैक्स) में से पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को कुल पांच प्रतिशत राशि देने की अनुशंसा की है.
आयोग ने सरकार द्वारा दी जाने वाली इस राशि में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की भी अलग-अलग भागीदारी तय की है.
आयोग की यह अनुशंसा दो वित्तीय वर्षों के लिए है. यानी आयोग की अनुशंसा के आलोक में वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को धन का आवंटन किया जायेगा.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने टैक्स रेवेन्यू के रूप में 76,385.28 और नन टैक्स रेवेन्यू के रूप में 33,952.47 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान किया है.
यानी चालू वित्तीय वर्ष में राज्य को टैक्स और नन टैक्स रेवेन्यू के रूप में कुल 1,10,337.00 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. आयोग की अनुशंसा के आलोक में इसमें से पांच प्रतिशत यानी 5,516.90 करोड़ रुपये स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थाओं को देना है.
लेकिन आयोग की अनुशंसा के आलोक में 2024-25 में इन संस्थाओं को 5,516.90 करोड़ रुपये नहीं मिलेंगे. क्योंकि 29 मार्च को ही चालू वित्तीय वर्ष के लिए अंतिम रूप से वित्तीय लेनदेन होगा.
आयोग की अनुशंसा के आलोक में अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी इन संस्थओं को राज्य के राजस्व में पांच प्रतिशत की हिस्सेदारी मिलने पर संशय है. क्योंकि सरकार ने उच्च स्तरीय समिति बना कर आयोग द्वारा तय की गयी हिस्सेदारी की समीक्षा का फैसला किया है.
समीक्षा के बाद आयोग की अनुशंसाओं को स्वीकार करने की स्थिति में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों को सरकार की ओर से कुल 6,275.65 करोड़ रुपये मिलेंगे.