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खनौरी में हुई झड़प में एक आंदोलनकारी की मौत और लगभग 12 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद किसान नेताओं ने बुधवार को दो दिनों के लिए कूच रोक दिया.
Chandigarh : संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी सीमा बिंदुओं पर स्थिति के बारे में चर्चा करने के लिए आज गुरुवार को यहां एक बैठक करने जा रहा है. बता दें कि सीमा बिंदुओं पर हजारों किसान अपने संगठनों द्वारा किये गये दिल्ली चलो के आह्वान के तहत डेरा डाले हुए हैं.
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Farmers halt ‘Dilli Chalo’ march for two days, condemn Centre’s action against protestors
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— ANI Digital (@ani_digital) February 22, 2024
#WATCH | Ranchi, Jharkhand | On a two-day stay on farmers’ march towards Delhi, Union Agriculture Minister Arjun Munda says, “I would like to say that meaningful talks have been held in the several rounds of discussions with farmers. But more hard work will have to be put in by… pic.twitter.com/h7RoeCGUDM
— ANI (@ANI) February 22, 2024
चर्चा होगी कि बुधवार को शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर क्या हुआ था
एसकेएम ने 2020-21 में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया गया. बैठक के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से कई एसकेएम नेता यहां पहुंचे हैं. भारती किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि एसकेएम इस बात पर चर्चा करेगा कि बुधवार को शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर क्या हुआ. उन्होंने कहा कि किसान संगठन इस बात पर भी निर्णय लेगा कि जारी आंदोलन का समर्थन किस तरह से किया जाये.
एसकेएम दिल्ली चलो आंदोलन का हिस्सा नहीं है
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली चलो आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. एसकेएम दिल्ली चलो’ आंदोलन का हिस्सा नहीं है. खनौरी में हुई झड़प में एक आंदोलनकारी की मौत और लगभग 12 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद किसान नेताओं ने बुधवार को दो दिनों के लिए कूच रोक दिया.
मृतक किसान की पहचान बठिंडा जिले के निवासी शुभकरण सिंह के रूप में हुई
मृतक किसान की पहचान पंजाब के बठिंडा जिले के बल्लो गांव के निवासी शुभकरण सिंह (21) के रूप में हुई है. पुलिस ने आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए दोनों सीमा बिंदुओं पर कई बार आंसू गैस के गोले दागे. यह कार्रवाई किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी की ओर उनके कूच को रोकने के लिए लगाये गये अवरोधकों को पार करने के प्रयास के बाद की गयी. हजारों किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रकों के साथ खनौरी और शंभू में डेरा डाले हुए हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि वे शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति तय करेंगे.
पंजाब के किसान भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.
किसानों के साथ कई दौर की बातचीत में सार्थक बातें हुई हैं
किसानों द्वारा दो दिन के लिए दिल्ली कूच स्थगित किये जाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसानों के साथ कई दौर की बातचीत में सार्थक बातें हुई हैं. लेकिन अभी और मेहनत करनी होगी. दोनों पक्षों के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है. भारत सरकार किसानों के हित के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह ऐसा कर रही है.
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