Muzaffarpur: साइबर ठग ने इस बार एक आईटी इंजीनियर को अपना शिकार बनाया और 7 लाख 74 हजार रुपये ठग लिये. पीड़ित बालूघाट निवासी विशाल कश्यप है, एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत है. ठग ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर इंजीनियर को चार घंटे तक डिजिटली अरेस्ट रखा. गंभीर आरोप में विशाल के नाम पर केस दर्ज होने का झांसा देकर उनसे 7.74 लाख रुपये तीन अलग-अलग खातों में मंगवाए. उसके बाद उन्हें मुक्त किया. जब ठगी का एहसास हुआ तो विशाल ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई. साइबर डीएसपी सीमा देवी ने बताया कि पुलिस जांच कर रही है.
विशाल ने पुलिस को बताया कि 14 अक्टूबर को शाम छह बजे एक अनजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को एक कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताते हुए अपना नाम आकाश वर्मा बताया. विशाल को बताया कि उसके नाम के आधार कार्ड का उपयोग कर एक पार्सल ईरान भेजा जा रहा था, जिसे रिसीवर ने लेने से इंकार कर दिया है. पार्सल वापस लौट आया है, जिसकी जांच मुंबई क्राइम ब्रांच कर रही है. उसने बताया कि पार्सल में पांच इरानी एक्सपायर्ड पासपोर्ट, एक लैपटॉप, तीन क्रेडिट कार्ड, एक पेन ड्राइव, 450 ग्राम एमडीएम ड्रग्स है. आठ अक्टूबर को भेजे गए पार्सल के लिए कंपनी को 93,410 का भुगतान किया गया है.
ठग ने स्काइप कॉल कर विशाल से आधार कार्ड की जानकारी जुटायी
इसके बाद क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर धमकी देने लगा. फिर ठग ने स्काइप कॉल की और विशाल से आधार कार्ड की जानकारी मांगी, जो उसके पास पहले से ही थी. उसने मोबाइल एप पर विशाल को उसके व्यक्तिगत ऋण राशि की जांच करने के लिए कहा. कॉल करने वाले को पहले से ही पता था कि विशाल के एकाउंट पर कितनी ऋण राशि जारी हो सकती है. इस तरह विशाल से पर्सनल लोन स्वीकृत करवाया और उसे उसने तीन-तीन अलग बैंक खाते में आठ बार में 7.74 लाख डलवा लिए. इस मामले में पुलिस केस दर्ज कर जांच में जुट गई है.
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