- सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ कर करायी अवैध जमाबंदी
- गोड्डा के महगामा अंचल के बसुआ मौजा की जमीन में हेरफेरी
- सरकारी अफसर चाह कर भी पंजी-टू में संशोधन नहीं करा पा रहे
जमीन घोटाले की आवाज प्रशासन तक पहुंची, एसडीओ बोले- होगी कार्रवाई
गोड्डा के महगामा अंचल के तबरीबन सभी मौजा में सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी कराकर करोड़ों में सौदेबाजी हो रही है. इससे संबंधित खबर दैनिक शुभम संदेश में लगातार प्रकाशित हो रही है. सरकारी सिस्टम तक लोगों की आवाज पहुंच रही है. जिले के जिम्मेवार अफसर भी अब जाग रहे हैं. इस संबंध में एसडीओ सौरभ कुमार भुवनिया ने कहा कि अवैध जमाबंदी करानेवालों पर अवश्य कार्रवाई होगी. प्रशासन काम कर रहा है. अवैध जमाबंदी कराने वाले, सरकारी जमीन खरीदने वाले सभी को चिह्नित किया जा रहा है. एसडीओ ने बताया कि महगामा अंचल के सभी मौजा में सरकार की ओर से नोटिस बोर्ड लगाने का निर्देश जारी कर दिया गया है. जल्द ही सभी मौजा में सरकारी बोर्ड लगा दिया जाएगा, उसके बाद सरकारी जमीन की खरीद -बिक्री पर रोक लगेगी. सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी और दस्तावेजों के छेड़छाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी.खुलेआम सरकारी जमीन का हो रहा है सौदा
भू- माफियाओं ने महगामा अंचल के बसुआ मौजाकी 169 बीधा सरकारी जमीन फार्जी दस्तावेज के सहारे बेच डाली है, जिसकी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास मौजूद है. रिपोर्ट में यह तथ्य भी प्रमुखता से लिखी गयी है कि मौजा के पंजी टू में फर्जी नाम चढ़ाए गए हैं. लेकिन मामला उजागर होने के पांच साल बाद भी न तो पंजी टू में छेड़छाड करने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई की गयी और न ही सरकारी जमीन भू माफियाओं से खाली कराने की दिशा में ही किसी तरह की पहल की गयी . खुलआम सरकारी जमीन की सौदेबाजी होती रही और जिम्मेवार कान में तेल डाल कर सोए रहे. इससे ही जाहिर होता है कि जमीन के खेल में भूमि माफिया, अंचल के कर्मचारी व अफसर से लकर सफेदपोश और व्यवसायी की मिलीभगत से ही सरकारी जमीन की लूट होती रही. प्रशासन की जांच रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि की गयी है, लेकिन उपर स्तर पर आगे की कार्रवाई दबा दी गयी है.डीसी-एसडीओ को दी गयी जानकारी, पर कुछ नहीं हुआ
बसुआ मौजा की जमीन के फार्जीवाड़ा करने और पंजी टू में छेड़छाड़ करने के मामले में गोडडा के उपायुक्त और महागामा एसडीओ को कई बार सक्ष्य से साथ आवेदन दिए गए, लेकिन सारे मामलों को टिबड़ेवाल परिवार अपनी राजनीतिक पहुंच और अफसरों को उपकृत करने का लाभ उठाते हुए दबाता रहा. सारे मामलों की जांच और रिपोर्ट में दोषियों को चिह्नित किए जाने के बावजूद अब तक कार्रवाई के नाम पर प्रशासन सिर्फ नोटिस देकर खानापूर्ति करता रहा.फर्जी तरीके से हथियाई जमीन का म्यूटेशन करता रहा अंचल कार्यालय
बसुआ मौजा की ज्यादातर जमीन को कैलाश टिवड़ेवाल ने काल्पनिक केस नंबर के आधार पर पंजी टू में अफसरों की मिलीभगत से दर्ज कराया है. मौजा में सबसे अधिक जमीन कैलाश टिवड़ेवाल परिवार के पास है. बसुआ मौजा की गैरमजरुआ जमीन, जिसका खाता संख्या 24 और दाग नं. 32 है, परती कदिम नेचर की जमीन है. षडयंत्र के तहत फार्जी जमाबंदी के आधार पर सरकारी जमीन बेच दी गयी. मामले का खुलासा होने के बाद भी अंचल कार्यालय माहगामा ने 2020-21 तक फर्जी तरीके से हथियाई गई जमीन के निबंधन को सही मानते हुए म्यूटेशन करता रहा. 2020-21 में बसुआ मौजा में पांच म्यूटेशन किए गए. इसमें म्यूटेशन केस न. 17/2020 - 2021 , 18/2020 – 2021, 19/2020 – 2021, 20/2020 – 2021, 28/2020-21 है. इसे भी पढ़ें – झारखंड">https://lagatar.in/nutrition-and-food-security-need-to-be-given-utmost-attention-in-jharkhand-economist-n-sharma/">झारखंडमें पोषण और खाद्य सुरक्षा पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत : अर्थशास्त्री एन शर्मा [wpse_comments_template]

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