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मकर संक्रांति पर तीन करोड़ का बिका तिलकुट

रांची :  हिंदू धर्म में मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं .हिंदू धर्म में इस दिन को पुण्य प्राप्ति, स्नान, और दान का दिन माना जाता है.  जिसमें तिलकुट का विशेश महत्व है .तो वही इस दिन लोग तिलकुट की खरीदारी करते हैं, जिससे मकर संक्रांति के मौके पर तिलकुट और दही की मांग बढ़ जाती है. रांची के अपर बाजार, मोरहाबादी, मेनरोड, हरमु समेत विभिन्न चौक-चौराहों पर तिलकुट के बाजारों में मिलाकर लगभग तीन करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है. अपर बाजार के विजय पूजा भंडार में तीन पीढ़ियों से हिंदू पर्व-त्योहारों के मौके पर दुकान लगाई जाती है.https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/01/Untitled-2-24.jpg">

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alt="" width="600" height="400" /> यहां पांकी से चार-पाँच लोग तिलकुट बनाने के लिए बुलाए जाते हैं. मजदूरों की मजदूरी दर भी बढ़ गई है. अब एक मजदूर को एक दिन में एक हजार रुपये देने पड़ते हैं. इसके अलावा तेल, चीनी, गाड़ी भाड़ा और किराए में भी इजाफा हुआ है, जिससे तिलकुट का दाम महंगा हो गया है. तिलकुट की कीमत इस प्रकार रही: तील का खोवा – 500 किलो, चीनी तिलकुट – 350 किलो, लट्टा (12 पीस) – 20 रुपये, सफेद तील का लड्डू – 350 किलो, तिलपटी – 90 पाव, रेवड़ी – 80 पाव में बिके. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/01/Untitled-3-17.jpg">

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alt="" width="600" height="400" /> अपर बाजार के गणेश तिलकुट भंडार के दिनेश प्रसाद ने बताया कि रांची जिले में दो से तीन करोड़ रुपये का कारोबार हो जाता है. वे तीन पीढ़ियों से तिलकुट का कारोबार कर रहे हैं और फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले व्यापारी यहीं से तिलकुट खरीदकर फुटपाथ पर बेचते हैं.

50 रुपये महंगा बिका तिलकुट

दुकानदार अनिता देवी ने बताया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी, मजदूरी दर में इजाफा, और जगह-जगह टोल टैक्स के कारण तील की कीमतें बढ़ गई हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर रांची में सैकड़ों क्विंटल तील बाजार में बिक जाती है. सभी व्यापारी अपने स्तर पर तील बनाते हैं, और अधिकतर लोग तिलकुट बनाने के लिए बिहार और पांकी से मजदूर बुलाते हैं. सभी मजदूरों को एक दिन की एक हजार रुपये मजदूरी दी जाती है, और उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की जाती है.

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