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30 अप्रैल तक झारखंड में आचार संहिता उल्लंघन के 41 मामले दर्ज, हजारीबाग व रांची टॉप पर

Ranchi : झारखंड मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चुनाव की अधिसूचना के बाद से 30 अप्रैल तक झारखंड में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के कुल 41 मामले दर्ज हुए हैं. इसमें सबसे अधिक पलामू, हजारीबाग और रांची में 6-6 मामले दर्ज हुए हैं. वहीं धनबाद में 5, सरायकेला खरसावां में 4, गढ़वा और गिरीडीह में 3-3, सिमडेगा में 2 और साहेबगंज व खूंटी में 1-1 मामले दर्ज हुए हैं. इसे भी पढ़ें - HIF">https://lagatar.in/hif-pro-league-24-member-indian-womens-team-announced-jharkhands-salima-tete-becomes-captain/">HIF

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ये है जिलों में केस की संख्या

जिला केस संख्या
पलामू 6
खूंटी 1
हजारीबाग 6  
रामगढ़ 1  
सरायकेला खरसावां 4  
गढ़वा 3  
रांची 6  
पूर्वी सिंहभूम 3  
गिरिडीह 3
धनबाद 5  
सिमडेगा 2  
साहेबगंज 1  

आदर्श आचार संहिता क्या है?

भारतीय चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कुछ नियम बनाए हैं. इन नियमों को ही आचार संहिता कहा जाता है. नियम के मुताबिक कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार आचार संहिता का उल्लंघन करता है, तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ़ नियमानुसार कार्रवाई करता है.

आचार संहिता के प्रमुख नियम

. आचार संहिता लगने के बाद किसी भी तरह की सरकारी घोषणाएं, परियोजनाओं का लोकार्पण, योजनाओं की घोषणा, शिलान्यास या सरकारी भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किया जा सकता. . किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी. . इस दौरान चुनाव आयोग की इजाजत के बिना किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं किया जा सकता है. . सरकारी विमान, सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है. . कोई भी प्रत्याशी, राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता न ही वह ऐसी किसी गतिविधि में शामिल हो सकता है. जिससे धर्म या जाति के आधार पर मतभेद या तनाव पैदा हो. . बिना अनुमति के किसी की जमीन, घर, परिसर की दीवारों पर पार्टी के झंडे, बैनर आदि नहीं लगाए जा सकते. . वोटरों को शराब या पैसे बांटने पर मनाही होती है. . मतदान के दौरान मतदान बूथों के पास राजनीतिक दल और उम्मीदवारों के शिविर में भीड़ इकट्ठा न हों. . मतदाताओं को पैसे देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना, फर्जी वोट डलवाना, मतदान केंद्रों से 100 मीटर के दायरे में प्रचार करना, मतदान से पहले प्रचार बंद हो जाने के बाद भी प्रचार करना और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए वाहन उपलब्ध कराना भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन में आते हैं. इसे भी पढ़ें -विदेश">https://lagatar.in/efforts-will-be-intensified-to-bring-two-most-wanted-people-running-criminal-gangs-in-jharkhand-from-abroad-to-india/">विदेश

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