Ranchi : शहीद ए आजम भगत सिंह की 28 फीट की प्रतिमा को स्थापित होने से पहले ही जिला प्रशासन द्वारा हटा दिए जाने के विरोध में राष्ट्रीय युवा शक्ति ने जयपाल सिंह स्टेडियम से अल्बर्ट एक्का चौक तक विरोध मार्च निकाला. राष्ट्रीय युवा शक्ति का कहना है कि 1931 में भगत सिंह को ब्रिटिश सेना द्वारा फांसी पर चढ़ाया गया था, लेकिन आजाद भारत में दूसरी बार भगत सिंह को क्रेन में लटकाया गया है, जो प्रशासन की तानाशाही को दर्शाता है. राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष उत्तम यादव और संरक्षक पंकज पांडे ने कहा कि प्रशासन जब तक पूरे सम्मान के साथ भगत सिंह की प्रतिमा को स्थापित नहीं करता, तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा. इसकी शुरूआत इस विरोध मार्च से हो गयी है. प्रशासन ने पूरे सम्मान के साथ प्रतिमा को नहीं लगवाया, तो उग्र आंदोलन होगा.
मोरहाबादी मैदान में स्थापित होनी थी प्रतिमा
बता दें कि पिछले दिनों सरदार भगत सिंह की प्रतिमा रांची के मोरहाबादी मैदान में स्थापित होनी थी. राष्ट्रीय युवा शक्ति इसके लिए पिछले एक साल से काम कर रही थी और शहीद भगत सिंह के गांव से मिट्टी तक मंगाई गयी थी. कोलकाता से भगत सिंह की 28 फीट की प्रतिमा भी आ गयी थी. बस उसे स्थापित करना बाकी था. लेकिन उसके ठीक पहले प्रशासन ने प्रतिमा को क्रेन से यह कहते हुए हटा दिया कि इसकी अनुमति नहीं मिली है.
विरोध प्रदर्शन किया गया
राष्ट्रीय युवा शक्ति के सभी सदस्यों ने भगत सिंह की तस्वीर को अपने सीने पर लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इसमें मुख्य रूप से प्रधान महासचिव दिलीप गुप्ता, राहुल चौधरी, सावन लिंडा, नितेश वर्मा, संदीप मुखर्जी, सूरज झाडाई, प्रशांत बजाज, राजू तनेजा, प्रीति सिन्हा जयसवाल, आर्यन मेहता, रोहित यादव, रोहित कुमार,सुनील साहू, सरवन साहू, बीजू वर्मा, रंजन माथुर, अभिषेक बंटी यादव, देवानंद गोप, विक्की लिंडा, विजय तिर्की, विनय सिंह, धीरज यादव, मनीष चंदेल, मनु चौधरी, सनी माथुर, विक्की कच्छप, छोटू यादव, विकास साहू, सहित सैकड़ों की संख्या में युवा शामिल हुए.
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