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तिसरी : असुरहड्डी जंगल में थमने का नाम नहीं ले रहा अवैध बैरल का धंधा

वन विभाग कराता है डोजरिंग, दो दिन बाद फिर शुरू हो जाता है खनन
Tisri (Giridih) : गिरिडीह जिले के लोकाय थाना क्षेत्र अंतर्गत असुरहड्डी जंगल में बैरल का अवैध खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार 8 जुलाई को एक बार फिर बैरल खदान की डोजरिंग की गई. वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी गांवा के निर्देश पर एक टीम गठित कर असुरहड्डी जंगल में छापेमारी की गई. जहां अवैध रूप से चल रहे बैरल पत्थर और ढ़िबरा के दर्जनों सुरंगनुमा खंतो को जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया गया है. हालांकि हमेशा की तरह ही छापेमारी की भनक लगते ही वहां काम कर रहे सभी मजदूर फरार हो गए. मौके से वनकर्मियों ने धामा, कुदाल, गईता, टोर्च समेत उत्खनन में प्रयुक्त कई उपकरणों को ज़ब्त किया है. विभाग फ़िलहाल इसमें संलिप्त अपराधियों की पहचान करने में जुटा है.

   कई बार की जा चुकी है डोजरिंग, बावजूद नहीं रूका अवैध खनन

असुरहड्डी जंगल में अवैध रूप से कई बैरल खदान संचालित हैं. दूसरी तरफ़ वन विभाग और खनन माफियाओं के बीच लुकाथिपी का खेल ज़ारी है. एक तरफ़ वन विभाग अवैध खदानो की डोज़रिंग करता है तो दो दिन बाद फिर से खनन शुरू हो जाता है. वन विभाग के मुताबिक डोजरिंग के बाद खनन माफियाओं के विरुद्ध वन अधिनियम के तहत प्राथमिकी भी की जाती है. बावजूद इसके असुरहड्डी में बैरल पत्थर और माइका का अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी रहा है.

           पिछले माह भी विभाग ने की थी कार्रवाई

पिछले माह भी वन विभाग ने दबिश देकर उक्त खदान पर डोजरिंग कराया था. जिसके बाद भी माफियाओं द्वारा उक्त खदान से बैरल और ढ़िबरा खनन किया जा रहा था. यह">https://lagatar.in/giridih-dead-body-found-near-jaridih-hill/">यह

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