Ranchi : भाजपा सांसद निशिकांत दूबे के कथित फर्जी एमबीए डिग्री विवाद का मामला एक बार फिर से गरमा गया है. लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कुछ दस्तावेज शेयर करते हुए इस डिग्री को फर्जी बताया है. कांग्रेस की महगामा विधायक ने भी निशिकांत दुबे से पूछा है कि वे बताएं कि उन्होंने यह फर्जी डिग्री से कहां से खरीदी है.
फ़र्ज़ी डिग्री लेकर कातिथ ज्ञानी बने @nishikant_dubey पहले ये बताओ डिग्रियों ख़रीदी कहाँ से ? कहीं अपने सरकार की मंत्री को भी l तुमने ही तो फ़र्ज़ी डिग्री नहीं दिलाई या पूरी पार्टी का कॉंट्रैक्ट भी तुम्हें मिला है।राहुल गांधी पर तब बात करना जब अपनी सदस्यता बचा लो। #FarzikantDubey pic.twitter.com/1WRAKr7aLz
— Dipika Pandey Singh (@DipikaPS) March 17, 2023
लोकसभा में हर छोटे मोटे बात पर मेमियाने वाले सांसद #FarzikantDubey सच्चे सवालों को सुनकर भाग खड़े हुए है। फ़र्ज़ी डिग्री वाले सांसद ने मुझे ब्लॉक कर दिया है। हमसे तो छुप जाओगे सच से कब तक भागोगे। गोड्डा की जनता तो बस इंतज़ार में है। हर सवाल का जवाब लेगी। @nishikant_dubey pic.twitter.com/ecN5xAbKfC
— Dipika Pandey Singh (@DipikaPS) March 17, 2023
बता दें अडाणी-हिंडनबर्ग प्रकरण मामले में राहुल गांधी के किए टिप्पणी के बाद भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला था. सांसद निशिकांत ने विशेषाधिकार समिति के सामने अपना पक्ष रखते हुए राहुल की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. अब टीएससी सांसद मोइत्रा ने दस्तावेज शेयर कर लोकसभा स्पीकर से पूछा कि क्या फर्जी डिग्री संसद सदस्यता रद्द करने का कारण बन सकती है.
निशिकांत का जवाब – घटिया मानसिकता के साथ जीए, दीपिका को सोशल मीडिया में किया ब्लॉक
विकृत मानसिकता के बंगाल से आई महिला सांसद व उनके चांडाल चौकड़ी के लिए दिल दहलानेवाली व बौखलाहट के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश चुनाव आयोग के साथ जिन्होंने यह माना मेरे पास डिग्री है और आपलोगो को आगरा भेजने का सर्टिफिकेट भी है ।आप सभी घटिया मानसिकता के साथ जीते रहिए pic.twitter.com/pEl773V0om
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) March 17, 2023
जवाब में सोशल मीडिया में दस्तावेज शेयर करते हुए निशिकांत ने लिखा – बंगाल से आई महिला सांसद विकृत मानसिकता की शिकार है. चुनाव आयोग के साथ सर्वोच्च न्यायालय के आदेश, जिसमें माना गया है कि मेरे पास डिग्री है. आपलोगों को आगरा भेजने का सर्टिफिकेट भी है. आप सभी घटिया मानसिकता के साथ जीते रहिए. वहीं, निशिकांत ने दीपिका पांडेय सिंह को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया.
फर्जी डिग्री को आधार बनाकर 2020 में हुए जनहित याचिका
बता दें, वर्ष 2020 में निशिकांत दुबे के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इसमें उनपर चुनाव नामांकन में कथित फर्जी डिग्री जमा करने का आरोप लगा था.
टीएमसी सांसद ट्वीट कर कई दस्तावेजों को किया शेयर
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने लगातार कई ट्वीट कर निशिकांत के कई दस्तावेजों को शेयर किया. उन्होंने लिखा
– निशिकांत ने अपने 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव हलफनामे में “दिल्ली विश्वविद्यालय से अंशकालिक एमबीए” होने का दावा किया.
27 अगस्त 2020 को दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक लिखित उत्तर में स्पष्ट रूप से कहा कि निशिकांत दुबे के नाम वाले किसी भी उम्मीदवार को वर्ष 1993 में डीयू में किसी तरह का एमबीए कोर्स नहीं किया.
Am very keen to see Hon’ble Member’s attendance record at Pratap Uni for full time MBA 2013-15 given he was full time MP then & match with LS attendance & constituency visits. Btw Pratap Uni MBA transcript has spelt “cumulative” incorrectly so don’t know how genuine it is 🙂 pic.twitter.com/u1HoRPAjoZ
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 17, 2023
फिर तृणमूल सांसद ने लिखा – 2019 के लोकसभा हलफनामे में निशिकांत दुबे ने एमबीए का कोई उल्लेख नहीं किया. केवल कहा कि उन्होंने 2018 में राजस्थान के प्रताप विश्वविद्यालय से मैनजमेंट (प्रबंधन) में पीएचडी की. मोइत्रा के मुताबिक वैध मास्टर डिग्री बिना यूजीसी डीम्ड यूनिवर्सिटी से कोई भी पीएचडी नहीं कर सकता.
फिर लिखा – प्रताप यूनिवर्सिटी में किए पीएचडी आवेदन में निशिकांत ने डीयू से मिले एमबीए की डिग्री का कोई उल्लेख नहीं किया. बल्कि वर्ष 2013-15 से ही प्रताप यूनिवर्सिटी से एमबीए डिग्री दिखाई. सांसद ने प्रताप यूनिवर्सिटी की एमबीए की ट्रांसक्रिप्ट सर्टिफिकेट की तस्वीर शेयर कर उसमें ‘कुम्यूलेटिव’ की स्पेलिंग पर लाल रंग का घेरा लगाया. कहा कि जब स्पेलिंग गलत है तो पता नहीं यह कितनी सही है.
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