इस वर्ष महाशिवरात्रि पर बन रहे विशेष महासंयोग
इस वर्ष महाशिवरात्रि पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो भक्तों के लिए लाभदायक माने जा रहे हैं. गोधूलि मुहूर्त आज शाम 6:17 से 6:42 तक और विजय मुहूर्त आज दोपहर 2:29 से 3:15 तक है. इस वर्ष विशेष महासंयोग भी बन रहे हैं. शुक्र मीन राशि में विराजमान है, जबकि शनि कुंभ में हैं, जिससे शुक्र और शनि का पंचमहापुरुष योग बन रहा है. वहीं चंद्रमा अपने ही नक्षत्र में स्थित है. गुरु और शुक्र का राशि परिवर्तन भी हो रहा है. ग्रहों की यह स्थिति धन और रोजगार के लिए उत्तम मानी जाती है.महाशिवरात्रि पर चार पहर पूजन मुहूर्त
महाशिवरात्रि के अवसर पर चार पहर पूजन के विशेष मुहूर्त हैं. इस मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.- प्रथम पहर पूजन : आज शाम 6:19 से रात 9:26 तक.
- दूसरा पहर पूजन : आज रात 9:26 से 27 फरवरी को अर्धरात्रि 12:34 तक.
- तीसरा पहर पूजन : 27 फरवरी को अर्धरात्रि 12:34 से सुबह 3:41 तक.
- चौथे पहर का पूजन : 27 फरवरी को सुबह 3:41 से सुबह 6:48 तक.
- निशिता काल समय : इस वर्ष महाशिवरात्रि का पूजन निशिता काल में भी किया जायेगा. निशिता काल का समय 27 फरवरी को रात 12:09 से 12:59 तक रहेगा, जिसमें भगवान शिव का विशेष पूजन किया जायेगाय
महादेव को जलाभिषेक करने का मुहूर्त
महाशिवरात्रि के अवसर पर महादेव को जलाभिषेक करने के लिए चार मुहूर्त हैं. इस मुहूर्त में जल चढ़ाने से आपकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.- सुबह : सुबह 6:47 से सुबह 9:42 तक
- मध्यान्ह काल : सुबह 11:06 से दोपहर 12:35 तक
- दोपहर : दोपहर 3:25 से शाम 6:08 तक
- रात : रात 8:54 से रात 12:01 तक
पूजा विधि :
- सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें.
- साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें.
- शिव मंदिर जाकर भगवान शिव की पूजा करें.
- शिवलिंग का अभिषेक करें और बेलपत्र, भांग, फल, फूल आदि अर्पित करें.
- शिव चालीसा का पाठ करें और रात्रि जागरण करें.
इन मंत्रों का करें जाप
- महामृत्युंजय मंत्र : ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ.
- ध्याने मंत्र : ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं. रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम. पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं. विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्..
- रुद्र गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महाशिवरात्रि की कथा
गरुण पुराण के अनुसार, एक बार एक निषादराज अपने कुत्ते के साथ शिकार खेलने गया, लेकिन उसे कोई शिकार नहीं मिला. थका और भूख-प्यास से परेशान होकर, वह एक तालाब के किनारे बैठ गया, जहां एक बिल्व वृक्ष के नीचे शिवलिंग था.
अपनी थकान दूर करने के लिए उसने कुछ बिल्व-पत्र तोड़े, जो अनायास शिवलिंग पर गिर गये. अपने पैरों को साफ करने के लिए उसने तालाब का जल छिड़का, और कुछ बूंदें शिवलिंग पर भी गिर गईं. इसी दौरान, उसका एक तीर नीचे गिर गया, जिसे उठाने के लिए वह शिवलिंग के सामने झुका.
इस प्रकार, निषादराज ने अनजाने में शिव-पूजन की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली. जब उसकी मृत्यु के बाद यमदूत उसे लेने आये, तब शिव के गणों ने उसकी रक्षा की और यमदूतों को वहां से भगा दिया.
महाशिवरात्रि का पारण का समय
महाशिवरात्रि व्रत पारण का समय 27 फरवरी को सुबह 06:48 बजे से लेकर सुबह 08:54 बजे तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त के दौरान आप महाशिवरात्रि व्रत का पारण कर सकते हैं.ऐसे खोलें महाशिवरात्रि का व्रत
- महाशिवरात्रि व्रत का पारण करने के लिए सबसे पहले स्नान करें,
- स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहन लें.
- फिर भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करें.
- इसके बाद भोलेनाथ की आरती उतारें.
- अब महादेव को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं.
- पूजा का प्रसाद ग्रहण करके व्रत पारण करें.
- महाशिवरात्रि के व्रत पारण में सात्विक भोजन ही करना चाहिए.
- महाशिवरात्रि व्रत पारण में मूली, बैंगन आदि का सेवन न करें.
- महाशिवरात्रि पारण के पहले ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा जरूर दें.
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