Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 10वें दिन नीरा यादव ने शिक्षा विभाग के कटौती प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए कहा कि आज शिक्षा विभाग की बद से बदतर स्थिति हो गई है. नौनिहालों से लेकर युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेला जा रहा है. स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं. एक ही शिक्षक सभी सब्जेक्ट को पढ़ाते हैं. इन स्कूलों में 3.78 लाख बच्चे नामांकित हैं. 372 स्कूल ऐसे हैं जहां एक एक भी बच्चे नामांकित नहीं है.
कहा कि इन स्कूलों में 1153 शिक्षक कार्यरत हैं. 2015-19 के बीच ही शिक्षकों की नियुक्ति हुई. इसके बाद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. जैसे-जैसे बच्चे ऊंची कक्षा में जाते हैं ड्राप आउट रेट बढ़ता ही जाता है. इस पर लुईस मरांडी ने कहा कि ये भाजपा सरकार के समय की स्थिति है, हेमंत सरकार में सुधार लाया जा रहा है. नीरा यादव ने कहा कि झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद का नाम बदलकर कर झारखंड शिक्षा पब्लिकेशन सेंटर रख देना चाहिए. इस ग्रुप में इतना व्हाट्सअप मैसेज आता है कि मैसेज नहीं देखने पर वेतन काट लिया जाता है.
स्कूलों में किचन की व्यवस्था नहीं
नीरा यादव ने कहा कि 1000 स्कूलों में किचन की व्यवस्था करनी थी. लेकिन किचन की स्थिति बदहाल हो गई. मानकी मुंडा छात्रवृति योजना का लाभ कितने को मिला इसकी भी जानकारी नहीं है. 26001 शिक्षकों की नियुक्ति लटकी हुई है. 17 साल से शिक्षकों को प्रमोस भी नहीं मिला है. कई विश्वविद्यालयों में कुलपति नहीं हैं. विश्विद्यालयों का ग्रेड गिर गया है. विश्विद्यालयों में प्रोफेसर के सैड़ों पर रिक्त हैं. संविदा पर नियुक्त शिक्षकों की स्थिति दयनीय है. कॉलेजों को अनुदान नहीं मिल रहा है. कई मॉल डिग्री कॉलेजों से शिक्षक भी नहीं हैं.
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