New Delhi : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को महाराष्ट्र में कृषि सुधारों को लेकर बड़ा बयान दिया. कृषि कानून पारित होने और एक साल बाद उसकी वापसी के लंबे घटनाक्रम के बीच कहा कि हम एक कदम पीछे हटे हैं, लेकिन आगे फिर बढ़ेंगे. कृषि क्षेत्र में निजी निवेश का आज भी अभाव है. हम कृषि कानून सुधार लेकर आये थे, कुछ लोगों को रास नहीं आया. लेकिन वो 70 वर्षों की आजादी के बाद बड़ा सुधार था, जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा था. लेकिन सरकार निराश नहीं है, हम एक कदम पीछे हटे हैं, आगे फिर बढ़ेंगे. हिंदुस्तान का किसान देश की रीढ़ है. अगर किसान मजबूत होगा, तो देश निश्चित तौर पर मजबूत होगा.
सरकार निराश नहीं बल्कि आगे की सोच रही
अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय मंत्री तोमर ने विवादास्पद कानूनों को खत्म करने के के लिए कुछ लोगों को दोषी ठहराया. कृषि मंत्री ने कहा कि हम कृषि संशोधन कानून लाए. लेकिन कुछ लोगों को ये कानून पसंद नहीं आया. ये आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा सुधार था. लेकिन सरकार बिल्कुल भी निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं, हम फिर आगे बढ़ेंगे, क्योंकि किसान भारत की रीढ़ हैं.
19 नवंबर को तीनों कृषि कानून वापस लेने का एलान हुआ था
पिछले महीने 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी और पंजाब में चुनाव से ठीक तीन महीने पहले तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया था. हालांकि अचानक सरकार के इस एलान के बाद विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिये थे. विपक्ष ने इस कदम को चुनाव में फायदा लेने के बताया.
पिछले साल नवंबर से किसान कर रहे थे प्रदर्शन
बता दें कि पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसानों ने डाल रखा था. इस दौरान कई बार सुरक्षाबलों के साथ किसानों की हिंसक झड़प भी देखने को मिली थी. वहीं केंद्र सरकार के लिए मुश्किलें तब खड़ी हो गयीं, जब लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कार चढ़ा दी गयी और इसका आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर है.
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