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धनबाद में पर्यटकों को लुभाने के लिए तैयार है तोपचांची झील

Topchachi : धनबाद जिले से 40 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पॉट तोपचांची झील अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए विख्यात है. चारों ओर पहाड़, झरने से घिरी तोपचांची झील की खूबसूरती देखते ही बनती है. इसीलिये इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है. चारों ओर पहाड़ों से घिरे झील को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. नववर्ष पर तो सैलानियों की संख्या काफी बढ़ जाती है. बंगाल, बिहार तथा झारखंड के विभिन्न जिलों से रोजाना सैकड़ों की संख्या में पर्यटक झील पहुंचते हैं.

 साइबेरियन पक्षियों का कलरव खास विशेषता

झील की सुंदरता का कायल केवल पर्यटक ही नहीं, साइबेरियन पक्षी भी हैं, जो इस वर्ष समय से पहले ही झील में अपना डेरा जमा चुके हैं. कलरव करते साइबेरियन पक्षी को देखकर मन आनंदित हो उठता है. पर्यटन स्थलों में तोपचांची झील की अपनी विशिष्ट पहचान है. मनोरम पहाड़ियों की गोद में बसी इस झील की सुंदरता को देखने के लिए सालों भर पर्यटकों का तांता लगा रहता है. [caption id="attachment_204893" align="alignnone" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/12/jheel-300x225.jpeg"

alt="" width="300" height="225" /> झील की मनोरम वादियां[/caption]

झील के आसपास होती रही है फिल्मों की शूटिंग

झील में पर्यटकों के आगमन को देखते हुए प्रशासन ने यहां सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर दिया  है. दर्जनों पुलिस जवानों की ड्यूटी लगा दी गई है. झील की  सुंदरता से अभिभूत होकर कई फिल्म निर्देशकों ने यहां अपनी फिल्मों की शूटिग की है. वर्ष 1966 में हिन्दी फिल्म के स्टार कलाकार धर्मेंद्र, राजश्री तथा महमूद की फिल्म मोहब्बत एक जिदगी है के कई दृश्यों का फिल्मांकन किया गया था. बांग्ला फिल्म के सुपरस्टार उत्तम कुमार की कई फिल्मों की शूटिग भी यहां हुई. झारखंड के स्थानीय कलाकारों के खोरठा तथा नागपुरी गानों की भी शूटिंग इस झील में हमेशा होती रहती है.

 अंग्रेजों के जमाने की है यह झील

15 नवंबर 1924 को बिहार-ओड़िशा के गवर्नर सर हेनरी वीलर द्वारा कोयलांचल में जलापूर्ति के उद्देश्य से इस झील की नींव रखी गई थी. तोपचांची झील सुंदरीकरण योजना के तहत वर्ष 2007 में यहां सैलानियों के लिए नौका विहार की व्यवस्था की गई. हालांकि रख रखाव के अभाव में कुछ वर्ष  बाद यह सुविधा बंद हो गई.

इस वर्ष क्या है खास:

तोपचांची झील सुंदरीकरण योजना के तहत लाखों की लागत से लीची बगान में पेवर ब्लॉक तथा शेड बनाया गया है, जहां पर्यटक पिकनिक का आनंद उठा पाएंगे.

दो वर्ष पूर्व बने शौचालय में लटका है ताला

पर्यटकों की सुविधा के उद्देश्य से पूर्व विधायक राजकिशोर महतो के निर्देश पर यहां लाखों की लागत से महिला तथा पुरुषों के लिए दो यूनिट शौचालय का निर्माण कराया गया था, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बावजूद शौचालय में ताला लटका हुआ है.

 नेशनल हाइवे से सटा इलाका

तोपचांची झील नेशनल हाइवे से बिल्कुल सटा हुआ है, धनबाद से इसकी दूरी मात्र 35 किलोमीटर है. धनबाद से सड़क मार्ग से पर्यटक यहां आराम से पहुंच सकते हैं, वहीं रेल मार्ग से आनेवाले पर्यटकों को गोमो स्टेशन पर उतरना पड़ेगा. वहां से टेंपो के जरिये पर्यटक आठ किलोमीटर की दूरी तय कर यहां पहुंच सकते हैं. यह भी पढ़ें : निरसा">https://lagatar.in/dance-music-on-karam-puja-in-kaliyasol-of-nirsa/">निरसा

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