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नीरज भोक्ता को मिला था ओमेक्स कंपनी का काम
पिपरवार क्षेत्र में संचालित अशोका कोल परियोजना से हल्दिया तक कोयला की ट्रांसपोर्टिंग का काम ओमेक्स नाम की कंपनी को मिला था. जिसके बाद भीखन दबाब डालकर नीरज भोक्ता को यह काम दिलाया है. इससे पहले ललितपुर पावर प्लांट में कोयला ट्रांसपोर्टिंग का काम सुदेश केडिया को मिला था. भीखन ने यह काम नीरज भोक्ता को दिलाया था. इसे भी पढ़ें - रांची">https://lagatar.in/cases-of-stopping-the-road-increasing-in-ranchi-after-the-direction-of-the-high-court-three-people-got-the-way-so-far/">रांचीमें बढ़ रहे रास्ता रोकने के मामले, हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अबतक तीन लोगों को मिला रास्ता
टीपीसी उग्रवादी भीखन को राजनीतिक संरक्षण
भीखन गंझू को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है. रांची पुलिस ने कोयला कारोबारी प्रेम सागर मुंडा की हत्या और उसके सगे भाई बबलू सागर मुंडा पर जानलेवा हमला से जुड़े मामले का खुलासा किया था. दोनों वारदातों के लिए भीखन गंझू ने साजिश रची थी, वही नीरज भोक्ता ने इसके लिए एडवांस का भुगतान किया था. रांची पुलिस ने जिस नीरज भोक्ता के नाम का खुलासा किया है, वह पूर्व में जेल जा चुका है. जेल से छूटने के बाद नीरज ने एक राष्ट्रीय पार्टी का दामन थाम लिया था. पार्टी में बड़े नेताओं के साथ उसका उठना बैठना भी है. हाल ही में नीरज भोक्ता पार्टी के नेताओं के साथ लिखीमपुर-खीरी जाने वाले दल के साथ भी गया था. जनवरी 2021 में चतरा के पिपरवार से गिरफ्तार टीपीसी उग्रवादी आदेश गंझू ने भी नीरज भोक्ता को अपना मददगार बताया था, साथ ही ट्रांसपोर्टर मदन साहू की हत्या का मास्टरमाइंड भी नीरज भोक्ता को बताया था. इसे भी पढ़ें - उत्तर">https://lagatar.in/uttar-pradesh-fear-of-encounter-in-yogi-government-will-not-commit-crime-history-sheeter-reaching-the-police-station-with-written-papers/">उत्तरप्रदेश : योगी सरकार में एनकाउंटर का खौफ, अपराध नहीं करूंगा… लिखे पेपर लिये थाने पहुंच रहे हिस्ट्रीशीटर
नीरज टीपीसी को मोटी राशि उपलब्ध कराते थे
पिछले साल पिपरवार पुलिस द्वारा जेल भेजे गए टीपीसी उग्रवादी आदेश गंझू ने बताया था कि एक राष्ट्रीय दल से जुड़े नीरज भोक्ता टीपीसी को पैसे से खूब मदद करते हैं. आदेश गंझू ने स्वीकार किया था कि कोयला कारोबारी का काम करने वाले नीरज गंझू टीपीसी को मोटी राशि उपलब्ध कराते थे. इसे भी पढ़ें - हिजाब">https://lagatar.in/angered-by-the-karnatak-high-courts-decision-in-the-hijab-case-the-karnataka-bandh-of-muslim-organizations-today/">हिजाबमामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से नाराज मुस्लिम संगठनों का आज कर्नाटक बंद
टीपीसी उग्रवादियों के साथ मिलकर कमिटी तैयार की थी
दस लाख का इनामी गिरफ्तार नक्सली भीखन गंझू टेरर फंडिंग मामले में भी वांटेड है. एनआईए की जांच में पाया गया कि टंडवा की मगध व आम्रपाली परियोजना के अलावा भीखन गंझू ने पिपरवार के अशोक व अन्य प्रोजेक्ट में भी टेरर फंडिंग का बड़ा नेटवर्क तैयार किया था. एनआईए की जांच शुरू होने के बाद इस मामले में भीखन के पर्याप्त साक्ष्य मिले थे. एनआईए के रडार पर आने के बाद से ही भीखन फरार हो गया था. सीसीएल के कर्मचारी और विस्थापित नेता के तौर पर पहचान रखने वाला भीखन गंझू टीपीसी में जोनल कमांडर के पद पर है. भीखन ने चतरा की मगध, आम्रपाली कोल परियोजना में साल 2013 में सरगना ब्रजेश गंझू, मुकेश गंझू, आक्रमण, कोहराम समेत अन्य टीपीसी उग्रवादियो के साथ मिलकर कमिटी तैयार की थी. इसे भी पढ़ें - बिहार">https://lagatar.in/first-ramayana-university-will-open-in-bihar-soon-12-acres-of-land-has-been-identified/">बिहारमें जल्द खुलेगा पहला रामायण विश्वविद्यालय, 12 एकड़ जमीन चिन्हित [wpse_comments_template]

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