घर में मां और स्कूल में माता समिति दोनों ही माता के अभिप्राय के रूप में करती हैं काम : संतोष दूबे
Garhwa : जिले के रंका अनुमंडल मुख्यालय के प्रखंड संसाधन केंद्र में पीएम पोषण योजना को लेकर प्रखंड स्तरीय एक दिवसीय गैर आवासीय रसोईया सह सहायिका के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इस प्रशिक्षण का शुभारंभ प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी संतोष कुमार दुबे एवं संकुल साधन साधनसेवी देवेंद्र नाथ उपाध्याय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. पीएम पोषण से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा करते हुए प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी संतोष कुमार दुबे ने बताया कि भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में एक योजना मध्यान भोजन योजना है. शिक्षा विभाग की यह अत्यंत उपयोगी और बच्चों के लिए लाभप्रद योजना है. जहां पर विद्यालय के शिक्षकों और माता समिति के सहयोग से बच्चों को दोपहर में भोजन दिया जाता है. जिसमें माता समिति के रसोइयों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि घर में माता और विद्यालय में माता समिति दोनों ही माता के अभिप्राय के रूप में काम करती हैं. घर में बच्चों के लिए मां भोजन बनाती हैं और स्कूल की माता समिति एक ऐसी समिति है, जहां पर सैकड़ों बच्चों के लिए रसोईया भोजन तैयार करती हैं. तो कुल मिलाकर माता से बढ़कर इनका दायित्व होता है. वह अपने दायित्वों का निर्वहन करने में जो सावधानियां बरतनी चाहिए उससे चूके नहीं. साफ-सुथरे वातावरण में भोजन का बनाएं. इस दौरान भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें. आपके किए हुए इस कार्य के लिए यह बच्चे जब बड़े होंगे तो आपको प्रतिष्ठा की निगाह से देखेंगे. उन्होंने रसोईया सह सहायिका का कार्य दायित्व, मध्यान भोजन संचालित करने, सामग्री के रख-रखाव, पीएम पोषण में बाल संसद की सहभागिता, मध्यान भोजन मेन्यू के अनुसार संचालित करने एवं उसका मापदंड एवं सभी अभिलेखों का संधारण करने से संबंधित जानकारी दी. इसे भी पढ़ें : समस्तीपुर">https://lagatar.in/samastipur-pickup-van-full-of-kanwariyas-crashed-one-dead-more-than-50-injured/">समस्तीपुर: कांवरियों से भरी पिकअप वैन दुर्घटनाग्रस्त, एक की मौत, 50 से अधिक घायल प्रशिक्षण में देवेंद्र नाथ उपाध्याय ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बच्चों को दोपहर में दिए जाने वाला निवाला भी गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए. मेन्यू के अनुसार बच्चों को पौष्टिक भोजन देने की जिम्मेवारी माता समिति को दी गई है. ऐसी स्थिति में उनकी भूमिका और कार्य का महत्व विद्यालयों में बढ़ गया है. मौके पर प्रशिक्षण में प्रखंड स्तरीय चयनित विद्यालयों के रसोईया सह सहायिका एवं सभी प्रखंड साधनसेवी/संकुल साधनसेवियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. इसे भी पढ़ें : स्वर्णिम">https://lagatar.in/swarnim-neeraj-the-golden-target-pierced-by-javelin-in-the-world-athletics-championship/">स्वर्णिम
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