- सोमवार को आयोजित होगा जागरुकता कार्यक्रम
- एनेस्थीसिया पीजी के छात्रों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
Ranchi : विश्व एनेस्थीसिया दिवस से एक दिन पहले रिम्स परिसर में एनेस्थीसिया विभाग के चिकित्सकों व छात्रों ने वृक्षारोपण किया. वहीं कल यानी सोमवार को ओल्ड कैजुअल्टी के सामने जागरुकता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जायेगा. विभाग के एचओडी डॉ लाधु लकड़ा ने इस बात की जानकारी दी. बताया कि लोगों के लिए बुनियादी जीवन से संबंधित शिक्षण सत्र और व्यावहारिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. सीपीआर प्रशिक्षण की जानकारी एनेस्थीसिया विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ तुषार कुमार, डॉ प्रियंका श्रीवास्तव और डॉ भारती देंगी. कहा कि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आने पर समय से उन्हें सीपीआर दिया जाये तो 10 में से 7 मरीजों की जान बच सकती है.
जीवन में एनेस्थीसिया की भूमिका की जानकारी देना आवश्यक
आईएसए रांची के सचिव डॉ शियो प्रिये ने कहा कि एनेस्थीसिया विभाग ने वृक्षारोपण कर प्रकृति को हरा भरा रखने का संदेश दिया. जैसे-जैसे हर चिकित्सा सुविधा विकसित हुई, एनेस्थीसिया भी इथर से बेहतर तकनीक तक विकसित हुआ है. अब पहले की तुलना में लोग अधिक सुरक्षित है. रिम्स के एनेस्थीसिया विभाग में मरीजों को न केवल एनेस्थीसिया बल्कि दर्द निवारक और गहन देखभाल भी की जाती है. लोगों को बताना कि हमारी भूमिका क्या है और हम कैसे लोगों की जीवन को बचा सकते हैं यही इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है.
1846 के बाद हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता विश्व एनेस्थीसिया दिवस
गौरतलब है कि 1846 में डायथाइल ईथर एनेस्थीसिया के पहले सफल परीक्षण के बाद हर साल 16 अक्टूबर को विश्व एनेस्थीसिया दिवस मनाया जाता है. चिकित्सा के इतिहास में इसे सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. मरीज को बिना दर्द के सर्जिकल उपचार कर उन्हें स्वस्थ करने में एनेस्थीसिया की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है. विश्व एनेस्थीसिया दिवस हर साल वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ सोसाइटीज ऑफ एनेस्थिसीयोलॉजिस्ट(डब्लूएफएसए) द्वारा मनाया जाता है और लगभग 150 देश इस समारोह में भाग लेते हैं.
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