Ranchi: आदिवासी सेना का शुक्रवार को पुरुलिया रोड स्थिति एसडीसी हॉल में कार्यकर्ता सम्मेलन किया गया. इस दौरान आदिवासी सेना की महिला मोर्चा, जिला कमिटी और महानगर कमिटी का गठन किया गया. इसके साथ ही सेना ने आदिवासियों के हक और अधिकार के लिए लड़ने के लिए भविष्य की कार्य योजना बनायी. इस अवसर पर संगठन ने निर्णय लिया कि पांच अक्टूबर को सेना आदिवासियों की जमीन लूट, आदिवासियों पर हुए झूठे मुकदमे और स्थानीय और नियोजन नीति लागू करने की मांग के साथ राजभवन के सामने धरना प्रदर्शन करेगी. यह धरना-प्रदर्शन एक दिवसीय होगा. कार्यक्रम के दौरान आदिवासियों के हक-अधिकारों के लिए आदिवासी सेना का निर्माण करने की बात कही गयी. इस अवसर पर इसके सदस्यों ने कहा कि आदिवासियों के अधिकारों को वापस लेने और उन्हें शोषण से बचाने के मकसद से सेना काम करेगी. कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय अध्यक्ष अजय कच्छप, महासचिव अल्बिन लकड़ा, प्रवक्ता अमरनाथ लकड़ा, गोविंद टोप्पो, रमा महली, विकास तिर्की आदि उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें-
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- केन्द्रीय महिला मोर्चा - अध्यक्ष - कुमुदिनीकेरकेट्टा, महासचिव - सोनी मुंडा, अर्पणा बाड़ा, उपाध्यक्ष - मरियम लकड़ा, शांति मुंडा , सचिव- सबिता कच्छप, नूर तिर्की
- रांची जिला कमिटी- अध्यक्ष - राज कच्छप, उपाध्यक्ष – राजेश टोप्पो, पंकज तिर्की, संजय टोप्पो, महासचिव - कृष्णा धर्मेश लकडा़, शिवा महली, सचिव - नान्हे कच्छप, दीपु टोप्पो, रामु कच्छप, विनय कच्छप, कोषाध्यक्ष - अनूप लकड़ा, उपकोषाध्यक्ष - सुनील कच्छप, संगठन सचिव - सुमन लोहरा, एस.मिंज, किशन बुकुडवार, गोपाल उरांव, विनय कच्छप, मनोज मुंडा
- महानगर कमिटी- अध्यक्ष - अजीतलकड़ा, महासचिव - अनूप नेलशन खलखो, कोषाध्यक्ष- एंड्रय पॉल एक्का, सचिव - प्रदीप तिर्की, संगठन सचिव - चामु बेक, अंकित मिंज
क्या है आदिवासी सेना का उद्देश्य
कार्यक्रम में जानकारी देते हुए बताया गया कि सेना आदिवासी समाज, अधिकार और संस्कृति, भाषा और पहचान को जिंदा रखने के लिए बनाया गया है. हर वह पुरुष, स्त्री जो झारखंड के आदिवासी सवालों के लिए समर्पित हो, सांस्कृतिक मूल्यों और लक्ष्यों के प्रति वचनबद्ध हो, वे सभी इसका हिस्सा है. जहां कही भी उनके अधिकारों और हक के खिलाफ काम होगा, हम वह सेना की तरह डट कर काम करेंगे. इसके साथ ही सेना का हर क्षेत्र में आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने का उद्देश्य है. [wpse_comments_template]
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