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राष्ट्रीय जतरा महोत्सव में एक मंच पर जुटेंगे आदिवासी समुदाय

Ranchi :  राष्ट्रीय जतरा महोत्सव का आगाज 31 जनवरी से हो रहा है, जो एक फरवरी तक चलेगा. इस महोत्सव के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कल्याण मंत्री चमरा लिंडा और खिजरी विधायक राजेश कच्छप होंगे, जो दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे.गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में राष्ट्रीय जतरा महोत्सव की जानकारी देते हुए महोत्सव के अध्यक्ष नरेश पाहन, महासचिव नीलम बिरूली, कार्यकारी अध्यक्ष अमित मुंडा और सुरज टोप्पो ने यह जानकारी दी. इस दौरान अध्यक्ष नरेश पाहन ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी जतरा महोत्सव का समापन करेंगे.

32 जनजाति समुदाय के लोग शामिल होंगे

इस महोत्सव में 32 जनजाति समुदाय के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगे और खोड़हा ढोल, नगाड़ा, मांदर, शहनाई, भेर समेत अन्य वाद्ययंत्रों के साथ नाचते-गाते हुए जतरा महोत्सव में हिस्सा लेंगे.

200 से अधिक खोड़हा जतरा में होंगे शामिल

झारखंड की पहचान यहां की जनजातीय समुदायों से होती है, जिनकी अपनी भाषा, लोक गीत, वेशभूषा और संस्कृति है. सभी जिलों से मुंडा, उरांव, संथाल, भूईहर मुंडा, हो समेत अन्य जनजातीय समुदाय पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ नाचते-गाते हुए 200 से अधिक खोड़हा दलों के रूप में महोत्सव में शामिल होंगे. झारखंड की संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा.

पांच राज्यों से आएंगे आदिवासी समुदाय

इस महोत्सव में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम और बिहार के आदिवासी समुदाय हिस्सा लेंगे. वे अपनी पारंपरिक भोजन, कला, संस्कृति, साहित्य और हस्तशिल्प का प्रदर्शन करेंगे. आकर्षण का केंद्र होंगे ये कार्यक्रम • आदिवासी समाज की संस्कृति, भाषा, झारखंडी व्यंजन और वाद्ययंत्रों का एक साथ अनुभव किया जा सकेगा. • युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से विमुख हो रही है, और इसे बचाने का संदेश दिया जाएगा. • भाषा और परंपराओं को एक-दूसरे से रूबरू कराया जाएगा. • 32 आदिवासी समुदाय के लोग इसमें भाग लेंगे. • 200 से अधिक खोड़हा दल महोत्सव में हिस्सा लेंगे. • आदिवासी समुदाय को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया जाएगा.

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