Ranchi: पिठौरिया स्थित मुड़हर पहाड़ को शुद्धिकरण करने की योजना को लेकर विभिन्न आदिवासी संगठनों ने शनिवार को मुड़हर पहाड़ स्थित सामुदायिक भवन प्रांगण में एक बैठक आयोजित की. बैठक की अध्यक्षता अरविंद पाहन और दद्रिद पाहन ने की. इस दौरान स्थानीय लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि सुतियांबे पहाड़ को शुद्धिकरण करने की कोशिश की गई, तो आदिवासी समाज उग्र विद्रोह करेगा. मुड़हर पहाड़ आदिवासियों के धार्मिक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है, जहां महाराजा मदरा मुंडा का शासन था. यही से पड़हा व्यवस्था की शुरुआत हुई थी, जो आज भी 32 जनजातीय समाजों में प्रभावी है.
समाज के लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि आज कुछ गैंग्स आदिवासी समाज को आपस में लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं. “फूट डालो और शासन करो” की नीति अपनाई जा रही है. मुंडहर पहाड़ पर दर्जनों स्थानों पर महाराजा मदरा मुंडा के धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जो मुंडा समाज के धार्मिक इतिहास को उजागर करते हैं. 12 फरवरी को आदिवासी समाज ने यहां पवित्र जल, फूल माला अर्पित की थी और पूजा अर्चना की थी. लेकिन कुछ आदिवासी विरोधी तत्वों ने इसे अशुभ बताकर शुद्धिकरण की बात की है. यह आदिवासी समाज की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है.
आदिवासी समुदाय ने चेतावनी दी कि कुछ संगठनों द्वारा धार्मिक, सांस्कृतिक और भूमि पर अतिक्रमण करने के प्रयासों को किसी भी हालत में सफल नहीं होने दिया जाएगा. इन ताकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए आदिवासी समाज तैयार है. मौके पर आदिवासी नेता लक्ष्मी नारायण मुंडा, दुर्गावती ओड़ेया, दरिद्र पाहन, रंजन पाहन, अरविंद पाहन, दिनेश मुंडा, मतियस उरांव, जगेश्वर मुंडा, घोसला उरांव, मनीष मुंडा, महादेव उरांव, देवसागर मुंडा, सीताराम मुंडा, रीतेश मुंडा, अभिषेक मुंडा, महेश मुंडा, राजू मुंडा समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
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