alt="आदिवासी जमीन गैरआदिवासियों के नाम हुई रजिस्ट्री, रांची रजिस्ट्री ऑफिस में नहीं होता दस्तावेजों का सत्यापन" width="600" height="400" /> विभाग की ओर से जारी की गई निलंबन संबंधी अधिसूचना[/caption]
गलत दस्तावेज के आधार पर खतियानी जमीन की रजिस्ट्री
दासो मुंडा के पोते सलदेव मुंडा ने लगातार">http://lagatar.in">लगातारन्यूज को बताया कि उनकी जमीन भी बेच दी गई है. खतियानी भूमि में से 30 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री गलत ढंग से किया गया. जिसका डीड नंबर 7974 एवं 7975 है. दिनांक 19 नवंबर 2019 को यह डीड गलत दस्तावेज के आधार पर किया गया. रजिस्ट्री में गलत खतियान एवं फर्जी लगान रसीद का प्रयोग किया गया है. [caption id="attachment_15544" align="aligncenter" width="600"]
alt="आदिवासी जमीन गैरआदिवासियों के नाम हुई रजिस्ट्री, रांची रजिस्ट्री ऑफिस में नहीं होता दस्तावेजों का सत्यापन" width="600" height="400" /> रैयत द्वारा दी गई खतियान संंबंधी दस्तावेज की कॉपी[/caption] सलदेव मुंडा ऐसे रजिस्ट्री के लएि अफसरों को दोषी बताते है. वे पूरे मामले में रजिस्ट्री ऑफिस की मिलीभगत बताते है. जिसकी शिकायत उपायुक्त रांची के गोपनीय शाखा एवं राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग से भी किया गया है. शिकायत में दोषियों के खिलाफ एसटीएससी थाना में मामला दर्ज करने का आग्रह किया है. मामला अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (संशोधन) 2015 के अंतर्गत दर्ज कराने को कहा है.
जमीन के मामलों में रजिस्टार की कोई रिस्पांसब्लिटी नहीं- अविनाश कुमार
अवर निबंधक, रांची अविनाश कुमार ने लगातार">http://lagatar.in">लगातारन्यूज नेटवक से बातचीत की. उन्होंने कहा कि जमीन के मामलों में रजिस्टार की कोई रिसपांसब्लिटी नहीं होती. अधिकार अधिनियम के तहत एक दिन में रजिस्ट्री करना है. ऐसे में दस्तावेज की जांच नहीं हो सकती. हम रोजाना रजिस्ट्री करते हैं. पार्टी द्वारा रजिस्ट्री के समय दस्तावेज लगाया जाता है. गलत दस्तावेज जमा कर रजिस्ट्री करनाने वाला दोषी है. रजिस्टार गलत दस्तावेज के लिए दोषी नहीं होता है. क्योंकि दस्तावेज जांचना रजिस्टार की जिम्मेवारी नहीं है. 2016 में क्या अधिसूचना जारी हुई थी.उसमें कहीं भी दस्तावेज की जांच कर रजिस्ट्री करने का गाइडलाइन नहीं है. रिकॉर्ड रूम में दस्तावेज भेज कर सत्यापित कराने के लिए भी नहीं कहा गया है. मैं खुद 2016 में सचिवालय में था. मैं ही अधिसूचना जारी करता था. दस्तावेज सत्यापन के बाद रजिस्ट्री करने का कोई नियम नहीं है. भड़कते अंजाद में उन्होंने कहा कि “अंदाजी आपलोग कुछ भी छाप देते हैं”. [caption id="attachment_15542" align="aligncenter" width="1080"]
alt="आदिवासी जमीन गैरआदिवासियों के नाम हुई रजिस्ट्री, रांची रजिस्ट्री ऑफिस में नहीं होता दस्तावेजों का सत्यापन" width="1080" height="455" /> पीड़ित द्वारा विभाग को दिया गया आवेदन[/caption]