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दूसरी जातियों का भी एक बार बने कास्ट सर्टिफिकेट- आदित्य साहू
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री प्रो आदित्य साहू का कहना है कि जाति बार-बार नहीं बदलती, इसलिए जाति प्रमाण पत्र एक ही बार बनना चाहिए. लेकिन सिर्फ आदिवासियों का ही क्यों. दूसरी जातियों का भी कास्ट सर्टिफिकेट एक बार बने. सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि दूसरे धर्म में जाने के बाद उसे आदिवासियों को मिलने वाली सुविधाएं न मिले और कास्ट सर्टिफिकेट अमान्य हो जाए. वहीं बीजेपी एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव कहते हैं कि जो टीएसी ही असंवैधानिक है, उसका फैसला भी असंवैधानिक है. इसलिए टीएसी के फैसले से पहले उसके गठन पर बात हो.धर्मांतरण करने वाले भी आरक्षित नौकरियों में ले लेंगे लाभ- फूलचंद तिर्की
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की का कहना है कि एक बार जाति सर्टिफिकेट जारी होने से इसके मिस्यूज होने का खतरा बढ़ेगा. कई आदिवासी मुस्लिम और ईसाई धर्म को अपना रहे हैं. मान लें कि अगर किसी का 16 साल की उम्र में जाति सर्टिफिकेट बनता है. इसके कुछ साल बाद वो दूसरे धर्म में चले जाते हैं. तब भी वह आजीवन आदिवासियों को मिलने वाली सरकारी योजनाओं और नौकरियों का लाभ लेता रहेगा और मूल आदिवासियों की हकमारी होगी.संविधान में मिले अधिकार से वंचित हो सकते हैं आदिवासी- मेघा उरांव
झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव कहते हैं कि एक ही बार जाति सर्टिफिकेट बनने से मूल आदिवासी भारतीय संविधान द्वारा जनजातियों को दिये गये हक और अधिकार से वंचित हो जाएंगे. साथ ही इसमें गैर जनजातियों का आरक्षित पदों पर प्रवेश होने की संभावना बनी रहेगी. इसलिए जाति प्रमाण पत्र अलग-अलग कार्यों के लिए निर्गत होने से ही ठीक रहेगा. इसलिए मुख्यमंत्री इसपर पुनर्विचार करें. इसे भी पढ़ें –Good">https://lagatar.in/good-news-soon-26-thousand-teachers-will-be-appointed/">GoodNews : जल्द होगी 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति, 50 फीसदी पारा शिक्षक भी होंगे एडजस्ट [wpse_comments_template]
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