Ranchi : केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (CUJ) में ट्राइबल स्टूडेंट्स कल्चरल एसोसिएशन (TSCA) के तत्वावधान में करम पूर्व संध्या का आयोजन किया गया. इस अवसर पर कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. उन्होंने पारंपरिक पाहन पूजा और मांदर बजाकर कार्यक्रम की शुरुआत की.
पाहन ने भेलवा पूजा और झंडा रोपण के साथ सभी की उपस्थिति में करम पूजा संपन्न कराई. अतिथियों का स्वागत पारंपरिक गमछा पहनाकर किया गया. कुलपति का स्वागत ऊरांव समाज की परंपरा के अनुसार गमछा और पगड़ी पहनाकर किया गया. डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ अनुराग लिंडा ने गमछा और आदिवासी चित्र भेंटकर कुलपति का अभिनंदन किया.
कुलपति प्रो दास ने विद्यार्थियों और प्राध्यापकों के साथ पारंपरिक नृत्य किया और मांदर बजाया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि करम पूजा प्रकृति की पूजा है. हम सबको अपनी पहचान और अस्मिता पर गर्व करना चाहिए तथा दूसरों की संस्कृति का भी सम्मान करना चाहिए. करम और धर्म साथ-साथ चलते हैं और हमें अपने कर्म व धर्म के मार्ग पर चलते हुए विश्वविद्यालय को निरंतर आगे बढ़ाना है.
कार्यक्रम की शोभा सरना आदिवासी गर्ल्स कॉलेज हॉस्टल, उरांव सांस्कृतिक मंच और कार्तिक उरांव रात्रि पाठशाला के कलाकारों ने बढ़ाई. उन्होंने कुरुख गीतों के माध्यम से जीवन और प्रकृति माँ से जुड़े संदेश प्रस्तुत किए.
सभी अतिथियों को पारंपरिक व्यंजन जैसे मड़वा रोटी-चना आलू, मड़वा लड्डू, मड़वा पिट्ठा, धुस्का-चिकन, पकौड़ी और प्रसिद्ध चिकन टेहरी परोसी गई. विभिन्न स्टॉलों ने भी आकर्षण बढ़ाया, जिनमें बिशनपुर का प्रसिद्ध आदिवासी अचार, ओडिशा का छेना पोड़ा और छेना पाई, क्रोशिया उत्पाद तथा झारखंडी पकवान शामिल थे.
कार्यक्रम में डॉ अनुराग लिंडा, डॉ रमेश उरांव, डॉ सीमा ममता मिंज, डॉ निर्मली बोरदोलोई, डॉ कंचन लाकड़ा, डॉ बैरागी माल्लिक, चीफ प्रॉक्टर डॉ अमरेंद्र कुमार, डॉ एंजेल नाग और डॉ सुदर्शन यादव सहित कई प्राध्यापकगण उपस्थित रहे. टीएससीए-सीयूजे के छात्र-छात्राओं विवेकानंद उरांव, ऋतु रानी उरांव, निकिता पाहन, खुशबू कुमारी, बित्तू लोहड़ा, दीप्ति मिंज और पायल उराँव ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई.
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