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आदिवासी छात्र संघ ने डीएसपीएमयू में अनुसूचित जाति/जनजाति प्रोफेसर को कुलसचिव बनाने की मांग की

 Ranchi :  आदिवासी छात्र संघ ने आज  राज्यपाल सचिवालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में मांग की गयी कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू), रांची में कुलसचिव के पद पर अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय से आने वाले प्रोफेसर को नियुक्त किया जाये.

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संघ ने इस बात पर चिंता जताई कि झारखंड राज्य के गठन के बाद बीते दो दशकों में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के शिक्षकों को विश्वविद्यालय के शीर्ष पदों  कुलसचिव और कुलपति  पर नाममात्र का प्रतिनिधित्व मिला है. यह सामाजिक न्याय और समावेशिता के सिद्धांतों के खिलाफ है.

 

ज्ञापन में आदिवासी छात्र संघ ने विश्वविद्यालय में 2008 से सेवा दे रहे तीन वरिष्ठ प्रोफेसरों  प्रो (डॉ.) गणेश बस्की, प्रो. (डॉ.) जिंदर सिंह मुंडा और प्रो. (डॉ.) अशोक नाग  में से किसी एक को कुलसचिव पद पर नियुक्त करने की मांग की गयी.  संघ का कहना है कि ये तीनों शिक्षक पिछले 17 वर्षों से निष्ठा और दक्षता के साथ विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और प्रशासनिक योगदान दे रहे हैं.

 

इस मौके पर आदिवासी छात्र संघ के कार्यकारी अध्यक्ष दया बहुरा समेत बादल भोक्ता, सुनील सोरेन, अमृत मुंडा, वाशिम अंसारी, सुभाष मुंडा और विष्णु तिर्की उपस्थित रहे.  सभी ने एक स्वर में कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन में सामाजिक प्रतिनिधित्व को लेकर सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए.

 

आदिवासी छात्र संघ ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक पहल नहीं की गयी, तो वे व्यापक स्तर पर आंदोलन करने को विवश होंगे  

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