Ranchi : सरना समिति झारखंड की इकाई महिला मंडल झारखंड की ओर से नगड़ी सपारोम स्थित धुमकुड़िया (बहुदेशीय)भवन रोहतास नगर में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का विषय पारम्परिक आदिवासी वनोपज से निर्मित व्यंजन था. कार्यशाला में गुमला की पांच आदिवासी महिला गीता उरांव, सीता उरांव, रीता उरांव, सरस्वती उरांव, औऱ जितेश मिंज ने प्रशिक्षण दिया.
आदिवासी महिलाओं को स्वावलंबी बनाना समिति का मुख्य उदेश्य
उन्होंने कहा कि आदिवासी महिलाओं को स्वावलंबी बनाना समिति का मुख्य उदेश्य है, बताया कि झारखंड में अधिक मात्रा में मड़ुवा, मक्का, और महुआ फूल होते हैं. आदिवासी महिलाओं को महुआ के लडडू, मड़ुवा की निमकी, बालुशाही बनाना सिखाया गया. उन्होंने कही कि आदिवासी महिलाएं इस अनाज का सही उपयोग करना नहीं जानती. इस वजह से किसान ये अनाज व्यापारियों को सस्ती दर बेच दे रहे है. कार्यशाला में सुषमा मिंज, रंजीता कुमारी, जितेश मिंज, सरिता उरांव, आशियान कुजूर, सुदर्शन लकड़ा, डॉ विनीत कुमार भगत ,सरिता उरांव समेत अन्य शामिल थे.