Ashish Tagore
Latehar : सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को कानून हाथ में नहीं लेने की अपील बार- बार की जाती है. बावजूद इसके ग्राम के जन प्रतिनिधियों के द्वारा ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. ताजा मामला जिले के हरेहंज प्रखंड का है. यहां ग्राम प्रधान के एक तुगलकी फरमान के बाद एक आदिवासी युवक को जूता व चपप्लों की माला पहना कर गांव में घुमाया गया. घटना गत रविवार की है. इस मामले में सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस अधीक्षक ने अंजनी अंजन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. एसपी के निर्देश पर मंगलवार को इस घटना में शामिल ग्राम प्रधान व उनके पुत्र समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
क्या है मामला
बरवाडीह एसडीपीओ दिलू लोहार ने हेरहंज थाना में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि गत रविवार को ग्राम प्रधान नासिर अंसारी के कहने पर गांव के युवक भिखारी गंझू को जूता-चपप्ल की माला पहना कर गांव में घुमाया गया था. पीड़िता की पत्नी सुकंति देवी के आवेदन पर इस मामले में हेरहंज थाना में सोमवार को कांड संख्या 44/2023 भादवि की धारा 143, 341, 342, 323, 504, 506, 499, 500 व एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया. मामला दर्ज होने के बाद एसपी के निर्देश पर बरवाडीह एसडीपीओ दिलू लोहार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम ने छापेमारी अभियान चला कर ग्राम प्रधान नासिर अंसारी, ग्राम प्रधान के पुत्र बाबर अंसारी, पूर्व पारा शिक्षक बृजमोहन भुइयां व विनोद सिंह उर्फ विनोद पाहन (सभी केडु, हेरहंज) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. घटना में शामिल रामपति भुइयां समेत अन्य पांच आरोपी फरार हैं.
भिखारी गंझू के परिवार का कर दिया गया था सामाजिक बहिष्कार
दरअसल भिखारी गंझू के घर के पास तकरीबन चार माह पहले गांव के कुछ लोग खस्सी-भात बनाने पहुंचे थे. इसी बीच उन लोगों में से कुछ भिखारी गंझू के घर के आंगन में लगे चापाकल में काटे गये खस्सी को धोने लगे. उस समय भिखारी गंझू घर पर नहीं था. उसकी पत्नी सकुंती देवी ने इसका विरोध किया. इसी बीच ग्राम प्रधान का बेटा बाबर अंसारी वहां आया और महिला के साथ गाली-गलौज करने लगा. वह उसे समाज व गांव से बाहर निकालने की धमकी देने लगा. बताया जाता है कि उस समय से लोगों ने भिखारी गंझू व उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया था. गत रविवार को गांव के एक स्कूल में बैठक की गयी. बैठक में ग्राम प्रधान व उसके बेटे ने गांव व समाज में रहने के लिए अपनी गलती स्वीकार करने व अर्थदंड देने की बात भिखारी गंझू से कही. जब वे राजी नहीं हुए तो भिखारी गंझू को जूता व चप्पल की माला पहना कर घुमाने की सजा दी गयी. घटना के बाद से ही भिखारी गंझू की पत्नी सदमे हैं.
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