सरकार के समर्थन में कैप्टन अमरिंदर, कहा, BSF पंजाब पर कब्जा करने नहीं आ रही, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है
कानूनन आरोपी को जमानत मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है
राज्य में सांप्रदायिक हिंसा के बारे में कथित रूप से सूचना प्रसारित करने के लिए भारतीय दंड संहिता और UAPA प्रावधानों के तहत पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में अधिवक्ता मुकेश और अंसारुल हक और पत्रकार श्याम मीरा सिंह को आरोपी बनाया गया है. खबरों के अनुसार fact finding committee का हिस्सा रहे नागरिक समाज के सदस्यों ने भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को इस आधार पर चुनौती दी है कि गैरकानूनी गतिविधियों की परिभाषा अस्पष्ट और व्यापक है. इसमें कानूनन आरोपी को जमानत मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है. इसे भी पढ़ें : पुणे">https://lagatar.in/raid-in-seven-places-in-the-pune-waqf-board-land-scam-the-department-comes-under-the-ministry-of-nawab-malik/">पुणेवक्फ बोर्ड जमीन घोटाला मामले में सात जगहों पर रेड, नवाब मलिक के मंत्रालय के अधीन आता है विभाग
त्रिपुरा पुलिस ने UAPA के तहत कार्रवाई की है
जान लें कि हाल ही में बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के अवसर पर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की खबरों के बाद त्रिपुरा में आगजनी, लूटपाट और हिंसा की घटनाएं हुईं थी. अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने CJI एनवी रमना और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ को बताया कि तथ्य खोज समिति(fact finding committee) का हिस्सा रहे दो वकील और एक पत्रकार के खिलाफ उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर त्रिपुरा पुलिस ने UAPA के तहत कार्रवाई की है. कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर इन्हें दंड प्रक्रिया संहिता के तहत नोटिस जारी किये हैं. इसे भी पढ़ें : ">https://lagatar.in/ruckus-on-salman-khurshids-book-bjps-allegation-congresss-ideology-is-to-hate-hindus/">सलमान खुर्शीद की किताब पर बवाल, भाजपा का आरोप, कांग्रेस की विचारधारा है हिंदुओं से नफरत करना
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