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रामनवमी में बन रहा त्रिवेणी संयोग, जानें पूजा करने का शुभ मुहूर्त

LagatarDesk :   चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्त म श्रीराम का जन्म हुआ था. तब से इस दिन को रामनवमी के रूप में मनाया जाने लगा. इस बार रामनवमी 10 अप्रैल यानी आज मनाया जायेगा. नवमी तिथि 10 अप्रैल को रात 1 बजकर 23 मिनट से शुरू हुआ है जो 11 अप्रैल को रात 3 बजकर 15 मिनट में समाप्त होगा. रामनवमी पूजा का शुभ मुहूर्त 10 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 10 मिनट से लेकर 1 बजकर 32 मिनट तक है.

रामनवमी पर बन रहा त्रिवेणी संयोग

बता दें कि इस बार राम नवमी पर अतिशुभ योग बन रहे हैं. इस दिन तीन शुभ योग होने के कारण इसे त्रिवेणी नाम दिया गया है. त्रिवेणी संयोग बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन राम नवमी पर रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का त्रिवेणी संयोग बन रहा है. इस दिन अगर आप मकान, वाहन आदि खरीदने की सोच रहे हैं तो उसके लिए बहुत शुभ दिन है.

पृथ्वी पर दुष्टों का संहार करने के लिए श्री राम ने लिया था जन्म

पौराणिक मान्याताओं के अनुसार, कथाओं के अनुसार, अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी. सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया था. वहीं कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया था. भगवान राम विष्णुणजी के सातवें अवतार थे. त्रेता युग में धरती पर आसुरी शक्तियों का प्रकोप और अत्याथचार बढ़ गया. तो श्री हरि ने राजा दशरथ और माता कौशल्यार की संतान के रूप में जन्म लिया था. उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन दांव पर लगा दिया था. यही वजह है कि भगवान राम के जन्मदिन के रूप में रामनवमी का पर्व मनाया जाता है.

मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ चैत्र नवरात्रि का समापन

राम नवमी के दिन ही चैत्र की नवरात्रि का समापन होता है. चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां दुर्गा के नौंवे स्वरुप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन भक्त अयोध्या जाकर सरयू नदी में स्नान भी करते हैं. इस दिन भक्त व्रत रखते हैं. साथ ही हवन भी करते हैं. अयोध्या में रामनवमी में चैत्र राम मेले का भी आयोजन किया जाता है.   [wpse_comments_template]    

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