ट्रंप के अनुसार यह आदेश बर्थ टूरिज्म और अवैध प्रवासियों को रोकने की दिशा में बहुत बड़ा कदम है. देखा गया है कि नागरिकता हासिल करने के मकसद से प्रवासी लोग अमेरिका में अपने बच्चे को जन्म देते हैं
Washington : अमेरिका में ट्रंप राज के आने का असर पूरी दुनिया पर पड़ने वाला है. कल सोमवार, 20 जनवरी को दूसरी बार राष्ट्रपति बनते ही कड़े फैसले लेने शुरू कर दिये हैं. जिसका असर पूरी दुनिया पर साफ दिखाई दे रहा है. डोनाल्ड ट्रंप के महत्वपूर्ण फैसलों में जन्म के आधार पर मिलने वाली नागरिकता को समाप्त करने का आदेश शामिल है. अमेरिकी कानून के अनुसार अब तक वहां जन्म लेने वाला हर शख्स अमेरिकी नागरिक होता है, लेकिन अब ऐसे नहीं होगा. ट्रंप के इस फैसले का शिकार मैक्सिको-कनाडा जैसे देशों के साथ-साथ भारत भी होगा. हर साल हजारों की संख्या में अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को वहां की नागरिकता मिलती रही है, वो अब मुश्किल लगती है.
अमेरिकी प्रशासन नयी शर्तों के साथ जन्मे हुए बच्चों को नागरिकता देगा
राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने Birthright citizenship का अधिकार समाप्त करते हुए उसे बदलने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये. कर दिए हैं. हस्ताक्षर के 30 दिन बाद अमेरिका में जन्मे बच्चों में पर यह आदेश लागू हो जायेगा. जान लें कि अमेरिका में लाखों की संख्या में H-1B वीजा और ग्रीन कार्ड हासिल करने की लाईन में भारतीय नागरिक लगे रहते हैं, जिनके बच्चों को जन्म के साथ ही अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है. लेकिन ट्रंप प्रशासन में ऐसा नहीं होगा. खबर है कि अमेरिकी प्रशासन नयी शर्तों के साथ जन्मे हुए बच्चों को नागरिकता देगा. शर्तें ऐसी हो सकती है, जिनको पूरा कर पाना गैर अमेरिकी नागरिकों के लिए काफी मुश्किल होगा. वैसे यह सूचना हो कि ट्रंप के इस आदेश को अमेरिकी अदालतों में चुनौती दिये जाने की तैयारी शुरू हो गयी है.
नागरिकता हासिल करने के लिए प्रवासी लोग अमेरिका में अपने बच्चे को जन्म देते हैं
ट्रंप का आदेश अमेरिकी कानून के एकदम उलट है जो वहां जन्मे हर बच्चे को नागरिकता प्रदान करता है. लेकिन नया आदेश कहता है कि अगर जन्म के साथ किसी बच्चे को अमेरिकी नागरिकता चाहिए तो उसके माता या पिता में से किसी एक का अमेरिकी नागरिक होना अनिवार्य होगा. इसके अलावा किसी एक के पास ग्रीन कार्ड होना चाहिए या किसी एक का अमेरिकी सेना में होना जरूरी है. ट्रंप के अनुसार यह आदेश बर्थ टूरिज्म और अवैध प्रवासियों को रोकने की दिशा में बहुत बड़ा कदम है. देखा गया है कि नागरिकता हासिल करने के मकसद से प्रवासी लोग अमेरिका में अपने बच्चे को जन्म देते हैं. इस कारण खुद-बःखुद ही उसे वहां की नागरिकता मिल जाती है.
2024 में 50 हजार भारतीयों को अमेरिकी नागरिकता मिली
अमेरिकी सरकार के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2024 में 50 हजार भारतीयों को अमेरिकी नागरिकता मिली. भारतीय समुदाय अमेरिका में लगातार बढ़ रहा है. पिछले कुछ सालों में वहां रहने वाले 48 लाख से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कई बच्चों को इसी कानून के बल पर नागरिकता मिली है. लेकिन अब ट्रंप के आदेश के बाद ऐसा नहीं हो पायेगा
अमेरिकी कानून में परिवार को साथ रखने को प्राथमिकता दी जाती है. वहां जन्मे बच्चे जो अमेरिकी नागरिक बन जाते हैं, उन्हें अधिकार हासिल है कि वह 21 की उम्र के बाद अपने माता-पिता या किसी भी रिश्तेदार को साथ रहने के लिए अमेरिका बुला सकते हैं. लेकिन ट्रंप के आदेश ने उनका यह अधिकार छीन लिया है. साथ ही ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार कर रहे लोग मुश्किल में पडेंगे, क्योंकि उनके बच्चों को अब जन्म के साथ नागरिकता नहीं मिलेगी.
भारत में नागरिकता इस तरह मिलती है
भारत में जन्म के आधार पर नागरिकता दी जाती है. भारतीय कानून के अनुसार 26 जनवरी 1950 के बाद से लेकर एक जुलाई 1987 से पहले यहां जन्मे बच्चे भारतीय नागरिक होंगे. इस टाइम लाइन में जन्मे बच्चों के माता-पिता की नागरिकता भले ही कहीं की हो, उनके बच्चे भारतीय कहलायेंगे. एक जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे बच्चोंे के माता-पिता में से किसी एक भारत का नागरिक होना जरूरी है, तभी उन्हें नागरिकता मिलेगी. 3 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे किसी भी बच्चेा के माता-पिता दोनों का भारतीय होना जरूरी है. तभी वह भारतीय नागरिकता हासिल कर पायेगा.
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