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झारखंड में नलकूप योजनाएं 8 साल बाद भी अधूरी

  • 2013 से 2024 के बीच शुरू की गयी कुल नौ योजनाएं.
  • अधूरी योजनाओं की कुल लागत 358.60 करोड़ रुपये हैं.
  • 9 योजनाओं पर अब तक 264.64 करोड़ रुपये खर्च हो चुके.

Ranchi : राज्य में ग्रामीण पेयजलापूर्ति की योजनाएं निर्धारित समय सीमा में पूरी नहीं होती. सरकार के आंकड़ों के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गयी नौ योजनाएं अब भी अधूरी हैं. इसमें ऐसी योजनाओं भी हैं, जिन्हें पूरा करने का समय आठ साल पहले समाप्त हो चुका है. लेकिन योजना अब तक पूरी नहीं की जा सकी है. पेयजलापूर्ति की अधूरी योजनाओं की कुल लागत 358.60 करोड़ रुपये हैं. इन नौ योजनाओं पर अब तक 264.64 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं.

 

जानकारी के मुताबिक ग्रामीण पेयजलापूर्ति से जुड़ी योजनाओं को पेयजल स्वच्छता विभाग के माध्यम से लागू किया जाता है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013  से 2024 तक की अवधि में शुरू की गयी कुल नौ योजनाएं अब तक अधूरी है. विभाग द्वारा नलकूप लगाने की योजनाओं भी निर्धारित समय सीमा में पूरी नहीं की जा रही है. 

 

विभागीय आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान सभी पंचायतों में 10-10 नलकूप लगाने की योजनाएं स्वीकृत की गयी थी. इन योजनाओं की लागत 13.73 करोड़ रुपये आंकी गयी थी. नलकूप लगाने की इन योजनाओं को वर्ष 2024 में शुरू किया गया. इसे एक साल में यानी 2024 में ही पूरा करना था. लेकिन इन योजनाओं का काम सिर्फ 70 प्रतिशत ही पूरा हो सका है. 

 

पेयजलापूर्ति की अधूरी योजनाओं का ब्योरा (लागत करोड़ में)

 योजना का नाम लागत शुरू हुआ पूरा करना स्थिति
चतरा जिले में ट्यूबवेल 16.11 2024 2024 60%
निमिया जलापूर्ति योजना 12.64 2019 2022 85%
मेराल ग्रामीण पेयजलापूर्ति 89.70 2019 2022 90%
केतार ग्रामीण पेयजलापूर्ति 83.56 2019 2022 89%
आंजन ग्रामीण पेयजलापूर्ति 10.57 2022 2024 85%
बहरी ग्राणीण पेयजलापूर्ति 17.24 2013 2017 57%
मारगो मुंडा पेयजलापूर्ति 103.95 2019 2021 58%
पंचायतों में 10-10 नकूप 13.73 2024 2024 70%
तेनुघाट मे डीप ट्यूबवेल 11.05 2024 2024 70%

 

 

इसी तह वित्तीय वर्ष 2023-24 में ही तेनुघाट में प्रत्येक पंचायत में 10 Deep tubewell (DTW), हाथ पंप के साथ ड्रेन प्लेटफार्म का निर्माण किया जाना था. 11.05 करोड़ की लागत का यह काम टेंडर के सहारे 2024 मे शुरू किया गया. इसे 2024 में ही पूरा करना था. लेकिन अब तक इस योजना का काम सिर्फ 70 प्रतिशत ही पूरा किया जा सका है.

 

पेयजल स्वच्छता विभाग के आंकड़ों के अनुसार मारगोमुंडा प्रखंड पाइप जलापूर्ति योजना की स्वीकृति वर्ष 2017 में हुई थी. इस योजना को दो साल बाद यानी वर्ष 2019 में शुरू किया गया. 103.95 करोड़ की लागत से शुरू की गयी इस योजना को 2021 में पूरा करने का समय निर्धारित था. लेकिन अब तक योजना का 58% काम ही पूरा हो सका है. इस योजना पर अब तक 57.92 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है.

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