Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2 जून को तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड के एमडी अरविंद कुमार सिन्हा को हटाने की फाइल पर दस्तखत कर दिये हैं. जिस दिन मुख्यमंत्री ने अरविंद कुमार सिन्हा को हटाने की फाइल पर साइन किये, उसी दिन टीवीएनएल में भी एक कार्यालय आदेश निकला. इस आदेश में लिखा है कि 13 अप्रैल 2021 को तीन सदस्यीय पैनल की अनुशंसा और उस पर प्रबंध निदेशक के अनुमोदन के बाद भोला सिंह, पीआर रेमनन और सौरभ झा को दिये गये वित्तीय लाभ को आदेश निर्गत करने की तारीख से रद्द किया जाता है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि तीनों अधिकारियों को मिले वित्तीय लाभ की प्रतिपूर्ति उनके वेतन से की जायेगी. एमडी के अनुमोदन और आंशिक संशोधन के बाद 31 मई को वेतन वृद्धि संबंधी आदेश संख्या 19/21-22 निकाला गया था.

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पैनल की सिफारिश पर तीन अफसरों को मिला था वित्तीय लाभ
भोला सिंह वरीय लॉ ऑफिसर हैं और उनके पास एचआर विभाग के हेड का प्रभार भी था. पीआर रेमनन एमडी के पीए और सौरभ झा एकाउंट्स विभाग में उप निदेशक हैं. सूचना है कि 2 जून को ही भोला सिंह से एचआर हेड का प्रभार ले लिया गया है और पर्सनल ऑफिसर श्वेता लवली पूर्ति को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है.
अनुशंसा और एमडी के एप्रूवल के बाद क्यों वापस हुआ आदेश
अब सवाल है कि जब इन तीनों अधिकारियों को तीन सदस्यीय पैनल द्वारा अनुशंसा करने और एमडी के अप्रूवल के बाद वित्तीय लाभ दिये गये थे, तो उन्हें वापस क्यों लिया गया. वह भी 31 मई को आदेश निकलने के मात्र 2 दिन बाद 2 जून को, जब एमडी को हटाने की फाइल पर सीएम ने साइन किये थे. क्या यह किसी गड़बड़ी की ओर इशारा नहीं करता. कहीं ऐसा तो नहीं कि एमडी और वित्त नियंत्रक ने अपने चहेते अधिकारियों को वित्तीय लाभ देने के लिए मनचाहा पैनल बनवाकर अनुशंसा करायी. और जब सरकार ने एमडी अरविंद कुमार सिन्हा को हटा दिया, तो पोल खुलने के डर से आननफानन में महज दो दिन में ही इसे वापस भी ले लिया.
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शिकायतों की जांच के बाद हटाये गये एमडी
गौरतलब है कि पूर्व विधायक और झामुमो नेता योगेंद्र महतो ने टीवीएनएल के एमडी अरविंद कुमार सिन्हा पर वित्तीय अनियमितता, चहेते लोगों को उपकृत करने और सरकार से बिना स्वीकृति लिये विदेश यात्रा करने सहित कई आरोप लगाये थे. सरकार ने इसकी जांच करायी थी, जिसमें कई आरोप सत्य पाये गये. जांच समिति की रिपोर्ट के आलोक में मुख्यमंत्री ने 2 जून 2021 को अरविंद कुमार सिन्हा को हटाते हुए टीटीपीएस ललपनिया के जीएम अनिल शर्मा को प्रबंध निदेशक का प्रभार सौंप दिया था. उसी दिन एमडी द्वारा तीन अधिकारियों को वित्तीय लाभ देने का आदेश भी निरस्त किया गया.
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