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New Delhi : कुछ खातों को ब्लॉक करने के सरकारी नोटिस को अदालत में चुनौती देने का ट्विटर का फैसला दरअसल उस काल्पनिक कहानी का हिस्सा था, जिसे कंपनी के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने आगे बढ़ाया. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को यह बात कही. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | I hope there is a learning from this experience of Twitter and this behaviour of Twitter that platforms working with the govt of India, working with the citizens and consumers of India work with the compliance of the Indian law…There is ample room to grow lawfully and… https://t.co/CyKevHIgBL pic.twitter.com/MSWC27EJKn
— ANI (@ANI) June 30, 2023
जैक डोर्सी ने हाल में दावा किया था कि….
जान लें कि ट्विटर के सीईओ का पद छोड़ चुके डोर्सी ने हाल में दावा किया था कि भारत सरकार ने विभिन्न पोस्ट को हटाने और खातों को प्रतिबंधित करने के अनुरोधों का पालन नहीं करने पर कंपनी को बंद करने और कर्मचारियों पर छापे की चेतावनी देते हुए दबाव डाला था. जिन पोस्ट और खातों को हटाने के लिए कथित रूप से दबाव बनाया गया था, वे 2020 और 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन और सरकार की आलोचना से संबंधित थे.
ट्विटर की अपील को खारिज करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा कि आदेश स्पष्ट रूप से बताता है कि सरकारी आदेश का पालन नहीं करने का कोई विकल्प नहीं है और छोटे या बड़े, सभी मंचों को भारतीय कानून का पालन करना होगा.
ट्विटर को कानून के तहत बड़ी संख्या में निर्देश दिये गये थे
उन्होंने ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के एक कार्यक्रम के मौके पर पीटीआई को बताया, जैसा कि आपको पता है, इस विशेष मामले में उन्हें (ट्विटर को) कानून के तहत बड़ी संख्या में निर्देश दिये गये थे, जिनका उन्होंने पालन नहीं किया और फिर जब उन्हें कानूनी नोटिस भेजा गया तो उन्होंने अदालत में जाने का फैसला किया.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ट्विटर पर 50 लाख का भारी जुर्माना लगाया
डोर्सी ने जो काल्पनिक कहानी पेश की, यह उसकी हिस्सा था. बता दें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ट्विटर द्वारा पिछले साल दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सोशल मीडिया फर्म ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नोटिस को चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने इस मामले में ट्विटर पर 50 लाख रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया और इसे 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को भुगतान करने का आदेश दिया.
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